राजस्थान भाजपा में नई हलचल, वसुंधरा समर्थकों ने बनाया अलग संगठन, प्रदेश अध्यक्ष बोले- सब पता है

Vasundhara
अंकित सिंह । Jan 9 2021 2:52PM

मंच की ओर से लगातार इस बात का दावा किया जा रहा है कि उनकी टीम वसुंधरा राजे को मजबूत करना चाहती है। अगर राजस्थान में वसुंधरा राजे मजबूत होंगी तो भाजपा को भी मजबूती मिलेगी।

राजस्थान में कांग्रेस के बाद अब भाजपा में भी सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। भाजपा में भी गुटबाजी की खबरें आ रही है। माना जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे फिलहाल भाजपा से दरकिनार चल रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए वसुंधरा समर्थकों ने अब एक नया राजनीतिक मंच बना लिया है। समर्थकों ने इस मंच का नाम वसुंधरा राजे समर्थक राजस्थान मंच दिया है। इसी नाम से सोशल मीडिया पर भी आईडी भी बनाई गई है। मंच की ओर से लगातार इस बात का दावा किया जा रहा है कि उनकी टीम वसुंधरा राजे को मजबूत करना चाहती है। अगर राजस्थान में वसुंधरा राजे मजबूत होंगी तो भाजपा को भी मजबूती मिलेगी।

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हालांकि भाजपा में यह पहली बार ऐसा हो रहा है जब किसी नेता के समर्थन में अलग मंच तैयार किया जा रहा है। इस मंच से युवा और महिलाओं को भी जोड़ा जा रहा है। साथ ही साथ इसका युवा संगठन और महिला संगठन भी तैयार किया जा रहा है। वसुंधरा राजे समर्थक राजस्थान मंच ने तो हर जिले में अपना जिलाध्यक्ष भी बनाना शुरू कर दिया है। इस मंच के गठन के बाद से ही भाजपा असहज महसूस कर रही है। इसको लेकर पार्टी अध्यक्ष सतीश पूनिया, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने जेपी नड्डा से भी मुलाकात की है। 

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नड्डा से मुलाकात करने के बाद राजस्थान भाजपा के अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि पार्टी को इस बात की पूरी जानकारी है और सभी नेता इस बात से अवगत हैं। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि जो लोग संगठन में काम कर रहे हैं वह फिलहाल भाजपा के सक्रिय सदस्य नहीं है। पुनिया ने कहा कि भाजपा व्यक्ति आधारित नहीं, बल्कि संगठन आधारित पार्टी है। उन्होंने कहा कि वसुंधरा समर्थकों के तरफ से जारी सूची में संगठन का कोई सक्रिय नेता नहीं है। हालांकि कुछ पूर्व विधायक इसमें जरूर शामिल है। पार्टी की ओर से जैसा आदेश मिलेगा वैसा किया जाएगा।

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वसुंधरा समर्थकों में अंदरखाने में इस बात को लेकर शंका है कि कहीं उनका कद पार्टी में कम तो नहीं हो रहा। इसी को ध्यान में रखते हुए इस मंच का निर्माण किया गया है। भाजपा की नाराजगी को देखते हुए यह मंच लगातार यह कह रहा है कि इससे पार्टी को ही फायदा होगा। इस मंच का इस्तेमाल वह वसुंधरा राजे के कामों को जनता तक पहुंचाने के लिए करेंगे। हालांकि ऐसा कई मौका आया है जब पिछले 2 सालों में लगा है कि कहीं ना कहीं पार्टी वसुंधरा राजे को लेकर अब उतनी गंभीर नहीं है। इस राजनीतिक हलचल के मायने इसी बात से समझा जा सकता है कि कांग्रेस ने भी अपने प्रमुख लोगों को दिल्ली बुलाकर इस मसले पर बैठक करने की शुरुआत कर दी है। 

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