देश की हिफाजत के लिए नयी प्रौद्योगिकी को साथ रखना होगाः मुखर्जी
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दुनिया की चुनौतियों कें केंद्र में प्रौद्योगिकी के होने का जिक्र करते हुए सेना के युवा इंजीनियरों को खुद को नयी प्रौद्योगिकी के साथ रखने और इसे सशस्त्र बलों के लिए बेहतर बनाने को कहा।
पुणे। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दुनिया की चुनौतियों कें केंद्र में प्रौद्योगिकी के होने का जिक्र करते हुए सेना के युवा इंजीनियरों को खुद को नयी प्रौद्योगिकी के साथ रखने और इसे सशस्त्र बलों के लिए बेहतर बनाने को कहा। कॉलेज ऑफ मिर्लिटी इंजीनयरिंग (सीएमई) के दीक्षांत समारोह में मुखर्जी ने छात्रों से कहा कि उन्हें अच्छे इंजीनियर और अच्छे सैनिक की दोहरी भूमिका के लिए तैयार होना चाहिए। उन्होंने कहा कि नयी चुनौतियां घरेलू और अंतराष्ट्रीय क्षेत्र में हैं ..आज हम जिन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं उसके केंद्र में प्रौद्योगिकी है ..और आप को देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रौद्योगिकी सहयोग मुहैया करने को तैयार रहना होगा।
उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों के लिए प्रौद्योगिकी को बेहतर बनाना छात्रों के लिए नयी चुनौती होगी। राष्ट्रपति ने स्नातकों से कहा कि देश के दूर दराज इलाकों में बुनियादी ढांचा तैयार करना एक बड़ी जिम्मेदारी है जो आपके कंधों पर टिकी है। इस प्रतिष्ठित संस्थान से 71 एमटेक और बीटेक छात्र स्नातक हुए हैं। इसकी स्थापना 1943 में हुई थी। सीएमई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्विद्यालय के साथ डिग्री प्रदान करता है।
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