कश्मीर घाटी में छठे दिन भी नहीं छपे समाचार-पत्र
कर्फ्यूग्रस्त कश्मीर घाटी में आज लगातार छठे दिन भी अखबार नहीं छपे। हालांकि राज्य सरकार ने कहा था कि अखबारों के मुद्रण और प्रकाशन पर कोई रोक नहीं है।
श्रीनगर। कर्फ्यूग्रस्त कश्मीर घाटी में आज लगातार छठे दिन भी अखबार नहीं छपे। हालांकि राज्य सरकार ने कहा था कि अखबारों के मुद्रण और प्रकाशन पर कोई रोक नहीं है। बीते शुक्रवार की रात सरकारी कार्रवाई के बाद अखबार मालिकों ने अखबार प्रकाशित नहीं करने का फैसला लिया था। इसलिए अंग्रेजी, उर्दू या कश्मीरी, किसी भी भाषा का स्थानीय अखबार नहीं छपा। अखबार मालिकों ने मांग की है कि सरकार ‘‘प्रतिबंध की जिम्मदारी’’ ले और बयान जारी कर यह आश्वासन दे कि मीडिया के कामकाज में किसी भी सूरत में बाधा नहीं डाली जाएगी।
अखबार मालिकों ने दावा किया कि पुलिस ने उनकी प्रिंटिग प्रेस पर छापा मारकर प्रकाशित प्रतियों और अखबार की प्लेटों को जब्त कर लिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि बीते हफ्ते पुलिस ने प्रिंटिग प्रेस के कर्मचारियों को भी गिरफ्तार किया था। पुलिस कार्रवाई के बाद कश्मीर के अखबारों के संपादकों, मुद्रकों और प्रकाशकों की शनिवार को प्रेस कॉलोनी में बैठक हुई थी। बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई थी। सरकारी कार्रवाई के खिलाफ पत्रकारों ने भी विरोध प्रदर्शन किया था और इसे प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला बताते हुए प्रकाशन रोक दिया था।
हालांकि मंगलवार को सरकार ने कहा था कि अखबारों के मुद्रण या प्रकाशन पर किसी भी तरह का प्रतिबंध नहीं लगा है। मंगलवार को आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा था, ‘‘श्रीनगर और बड़गांव के जिला मेजिस्ट्रेटों ने स्पष्ट किया है कि इन जिलों में अखबारों के मुद्रण और प्रकाशन पर कोई रोक नहीं है।’’ श्रीनगर के अखबारों के मालिकों और संपादकों ने कल एक वक्तव्य जारी कर कहा था कि चूंकि सरकार ने ‘‘प्रेस आपातकाल’’ की स्थिति में कोई बदलाव नहीं किया है इसलिए अखबार के मालिकों और संपादकों को खेद है कि वे अखबारों का प्रकाशन शुरू नहीं कर सकेंगे।
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