एनजीटी गंगा की स्थिति से नाराज, इस्तेमाल योग्य नहीं है गंगाजल

NGT anguished over River Ganga’s condition, says water unfit to use
[email protected] । Jul 27 2018 6:37PM

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने गंगा नदी की स्थिति पर नाराजगी जताते हुए कहा कि हरिद्वार से उत्तर प्रदेश के उन्नाव शहर के बीच गंगा का जल पीने और नहाने योग्य नहीं है

नयी दिल्ली। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने गंगा नदी की स्थिति पर नाराजगी जताते हुए कहा कि हरिद्वार से उत्तर प्रदेश के उन्नाव शहर के बीच गंगा का जल पीने और नहाने योग्य नहीं है। एनजीटी ने कहा कि मासूम लोग श्रद्धापूर्वक नदी का जल पीते हैं और इसमें नहाते हैं लेकिन उन्हें नहीं पता कि इसका उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर हो सकता है।

एनजीटी ने कहा, ‘मासूम लोग श्रद्धा और सम्मान से गंगा का जल पीते हैं और इसमें नहाते हैं। उन्हें नहीं पता कि यह उनके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है। अगर सिगरेट के पैकेटों पर यह चेतावनी लिखी हो सकती है कि यह ‘स्वास्थ्य के लिए घातक’ है, तो लोगों को (नदी के जल के) प्रतिकूल प्रभावों के बारे में जानकारी क्यों नहीं दी जाए?’

एनजीटी प्रमुख ए के गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, ‘हमारा नजरिया है कि महान गंगा के प्रति अपार श्रद्धा को देखते हुए, मासूस लोग यह जाने बिना इसका जल पीते हैं और इसमें नहाते हैं कि जल इस्तेमाल के योग्य नहीं है। गंगाजल का इस्तेमाल करने वाले लोगों के जीवन जीने के अधिकार को स्वीकार करना बहुत जरूरी है और उन्हें जल के बारे में जानकारी दी जानी चाहिए।’

एनजीटी ने राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन को सौ किलोमीटर के अंतराल पर डिस्प्ले बोर्ड लगाने का निर्देश दिया ताकि यह जानकारी दी जाए कि जल पीने या नहाने लायक है या नहीं। एनजीटी ने गंगा मिशन और केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को दो सप्ताह के भीतर अपनी वेबसाइट पर एक मानचित्र लगाने का निर्देश दिया जिसमें बताया जा सके कि किन स्थानों पर गंगा का जल नहाने और पीने लायक है।

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