Karnataka में एनआईए अदालत ने एक्यूआईएस के दो सदस्यों को सात साल जेल की सजा सुनाई

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प्रवक्ता ने कहा कि जांच के अनुसार, दोनों दोषियों को एक्यूआईएस के विदेशी-आधारित ऑनलाइन आकाओं द्वारा कट्टरपंथी बनाया गया था और भर्ती किया गया था और वे सक्रिय रूप से देश में एक्यूआईएस की गतिविधियों को आगे बढ़ाने में लगे हुए थे।

बेंगलुरु की एक विशेष एनआईए अदालत ने बुधवार को अल-कायदा इन इंडियन सब कांटिनेंट (एक्यूआईएस) के दो सदस्यों को दोषी ठहराया और सात साल कैद की सजा सुनाई। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के एक प्रवक्ता ने बताया कि पिछले साल 30 अगस्त को दर्ज एक मामले में असम के अख्तर हुसैन लस्कर उर्फ मोहम्मद हुसैन और पश्चिम बंगाल के अब्दुल अलीम मंडल उर्फ ​मोहम्मद जुबा पर क्रमशः 41,000 रुपये और 51,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

प्रवक्ता ने बताया कि एनआईए ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था और एक्यूआईएस के दो सदस्यों की सजा प्रतिबंधित संगठन के ‘‘आकाओं’’ की पहचान करने और मुकदमा चलाने के संघीय एजेंसी के निरंतर प्रयासों में एक बड़ी सफलता है।

प्रवक्ता ने कहा कि जांच के अनुसार, दोनों दोषियों को एक्यूआईएस के विदेशी-आधारित ऑनलाइन आकाओं द्वारा कट्टरपंथी बनाया गया था और भर्ती किया गया था और वे सक्रिय रूप से देश में एक्यूआईएस की गतिविधियों को आगे बढ़ाने में लगे हुए थे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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