निर्मला सीतारमण ने ममता सरकार पर उठाए सवाल, बंगाल एकमात्र राज्य जो अपने श्रमिकों को नहीं लाना चाहता वापस

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टीएमसी सरकार को ‘‘जनविरोधी’’ करार देते हुए सीतारमण ने कहा कि राज्य को चक्रवात ‘अम्फान’ के बारे में 11 दिन पहले सूचित किया गया था लेकिन इसने पर्याप्त उपाय नहीं किए। उन्होंने कहा कि समय रहते कदम उठाए गए होते तो कई जिंदगियां बचाई जा सकती थीं।

कोलकाता। केंद्र की जनसमर्थक नीतियों का कथित तौर पर विरोध करने के लिए पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार की आलोचना करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि राज्य को ‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ का लाभ नहीं मिल सकता क्योंकि इसने प्रवासी श्रमिकों का आंकड़ा मुहैया नहीं कराया है। बंगाल के लोगों के लिए आयोजित डिजिटल रैली को संबोधित करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ‘‘राज्य में श्रमिक विशेष रेलगाड़ी सेवाओं की अनुमति देने में अनिच्छा जताने’’ के लिए भी आलोचना की।

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उन्होंने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल सरकार केंद्र की सभी जन हितैषी नीतियों का विरोध करती रही है... प्रवासी श्रमिकों पर छह राज्यों ने आंकड़े साझा किए हैं। बहरहाल, पश्चिम बंगाल ने आंकड़ा साझा नहीं किया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारे प्रधानमंत्री ने एक योजना की शुरुआत की जिसमें देश के 116 जिलों को कवर किया जाएगा लेकिन बंगाल के किसी भी जिले को इसमें शामिल नहीं किया जाएगा क्योंकि तृणमूल सरकार ने हमसे आंकड़ा साझा नहीं किया। बंगाल में सत्तारूढ़ दल केंद्र की किसी भी कल्याणकारी योजना को लागू नहीं करना चाहता।’’ तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने ‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ का लाभ राज्य को नहीं देने के लिए हाल में केंद्र सरकार की आलोचना की थी। बहरहाल, सीतारमण ने चीन-भारत सीमा गतिरोध पर केंद्र सरकार का समर्थन करने के लिए मुख्मयंत्री की प्रशंसा की। सीतारमण ने कहा, ‘‘मैं उन्हें एक बात का श्रेय दूंगी कि कम से कम चीन -भारत सीमा मुद्दे पर उन्होंने (ममता बनर्जी) केंद्र का साथ दिया।’’

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टीएमसी सरकार को ‘‘जनविरोधी’’ करार देते हुए सीतारमण ने कहा कि राज्य को चक्रवात ‘अम्फान’ के बारे में 11 दिन पहले सूचित किया गया था लेकिन इसने पर्याप्त उपाय नहीं किए। उन्होंने कहा कि समय रहते कदम उठाए गए होते तो कई जिंदगियां बचाई जा सकती थीं। प्रवासी श्रमिकों को वापस लाने के पश्चिम बंगाल सरकार की कथित अनिच्छा के बारे में सीतारमण ने कहा कि यह एकमात्र ऐसा राज्य है जो अपने श्रमिकों को वापस नहीं लाना चाहता था। राज्य में कोविड-19 से निपटने के तरीकों की आलोचना करते हुए सीतारमण ने कहा कि स्थिति का आकलन करने के लिए राज्य के दौरे पर आयी अंतर मंत्रालयी केंद्रीय टीम को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। विधानसभा चुनावों में नागरिकता संशोधन कानून को बड़ा मुद्दा बनने के संकेत देते हुए सीतारमण ने मांग की कि बनर्जी कानून का विरोध करने के कारण बताएं। उन्होंने कहा, ‘‘शरणार्थियों की मदद के लिए यह कानून लाया गया था, इसमें नुकसान क्या है? ममता दीदी को बताना होगा कि वह सीएए का विरोध क्यों कर रही थीं, शरणार्थियों को नागरिकता देने में गलत क्या है।’’ राज्य में तृणमूल कांग्रेस की सरकार को ‘‘पूरी तरह विफल’’ करार देते हुए सीतारमण ने कहा कि पश्चिम बंगाल के लोगों को भाजपा को एक मौका देना चाहिए ताकि राज्य को नई ऊंचाईयों तक ले जाया जा सके। आरोपों पर प्रतिक्रिया जताते हुए तृणमूल कांग्रेस के नेता और राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ ब्रायन ने कहाकि ‘‘उनका भाषण एक विफल वित्त मंत्री के भाषण का नमूना था’’। अर्थव्यवस्था मंझधार में है और वह सीएए और तीन तलाक पर भाषण दे रही हैं।

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