नाश्ते से लेकर रात्रि भोज तक नीतीश-शाह की भेंट में दिखी गर्मजोशी

Nitish and Shah warmth from snack to dinner
[email protected] । Jul 13 2018 8:16AM

दोनों दलों के अध्यक्षों के बीच आज नाश्ते और रात्रिभोज पर हुई बातचीत से प्रतीत होता है कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में सबकुछ सही चल रहा है।

पटना। नीतीश कुमार द्वारा भाजपा नेताओं के लिए आयोजित रात्रिभोज कार्यक्रम रद्द किये जाने और भाजपा-जदयू का पुराना गठबंधन टूटने के कुछ साल बाद बिहार के मुख्यमंत्री ने आज न सिर्फ नाश्ते पर बल्कि रात के खाने पर भी भगवा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का अतिथि सत्कार किया। दोनों दलों के अध्यक्षों के बीच आज नाश्ते और रात्रिभोज पर हुई बातचीत से प्रतीत होता है कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में सबकुछ सही चल रहा है।

दोनों दलों के नेताओं के अनुसार, शाह और कुमार के बीच बिहार के मौजूदा राजनीतिक हालात और आगामी लोकसभा चुनाव में सभी 40 सीटों के लिए राजग की रणनीति सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई। सीटों के बंटवारे को लेकर बयानबाजी के बीच आज सुबह नाश्ते पर हुई संक्षिप्त बैठक के दौरान दोनों के मुस्कुराते चेहरों को कैमरों में कैद किया गया।

मुख्यमंत्री ने भाजपा अध्यक्ष से राजकीय अतिथि गृह में मुलाकात की जहां दोनों ने एकसाथ सुबह का नाश्ता किया। इस दौरान भाजपा के वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे। शाह एकदिवसीय दौरे पर शहर में आये हैं। शाह के हवाईअड्डे से अतिथि गृह पहुंचने के कुछ मिनट के अंदर कुमार वहां पहुंचे। बिहार प्रभारी और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव भूपेंद्र यादव ने मुख्य द्वार पर कुमार का गर्मजोशी से स्वागत किया और वह कुमार को उस कक्ष तक लेकर गये जहां शाह मौजूद थे।

शाह, बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नित्यानंद राय की मौजूदगी में कुमार ने इस मौके पर मौजूद फोटोग्राफरों के लिये मुस्कुराकर तस्वीरें खिंचाईं। सुबह के नाश्ते की बैठक समाप्त होने पर बाहर आते वक्त शाह के साथ भाजपा के अन्य वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद, राधा मोहन सिंह और राम कृपाल यादव उपस्थित थे। कुमार ने भले ही मीडियाकर्मियों के सवालों का जवाब नहीं दिया लेकिन राजकीय अतिथि गृह से उनका मुस्कुराते हुये बाहर आना गठबंधन के सहयोगी दलों के बीच मधुर संबंधों का इशारा करता है।

दोनों दलों के वरिष्ठ नेताओं के बीच गर्मजोशी दिखना 2010 में भाजपा के नेताओं के लिये कुमार द्वारा रात्रिभोज रद्द करने का विरोधाभासी है। आठ साल पुरानी इसी घटना के बाद अंतत: जदयू जुलाई 2013 में गठबंधन से बाहर हो गयी थी और उसने राजग से अपना 17 साल पुराना संबंध तोड़ दिया था।

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