नीतीश ने समाजवादियों से एकजुट होने का आह्वान किया
नीतीश ने समाजवादियों और संघ की तुलना करते हुए कहा कि समाजवादी विचारधारा मजबूत है परंतु संगठन की कमी है और आरएसएस की विचारधारा में दम नहीं पर संगठन पर विशेष ध्यान है।
पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समाजवादियों और आरएसएस की तुलना करते हुए कहा है कि समाजवादी विचारधारा बहुत मजबूत है परंतु संगठन की कमी है और आरएसएस की विचारधारा में दम नहीं पर संगठन पर विशेष ध्यान है। पटना स्थित अंजुमन इस्लामिया हॉल में मंगलवार को आयोजित समाजवादी एकजुटता सम्मेलन को संबोधित करते हुए नीतीश ने कहा कि समाजवादी विचारधारा बहुत मजबूत है परंतु संगठन की कमी है। आरएसएस की विचारधारा में दम नहीं पर संगठन पर विशेष ध्यान है।
उन्होंने कहा कि समाजवादी विचार और उसका प्रभाव जबर्दस्त रहा है परंतु संगठन मजबूत नहीं रहा। शुरू से मिलना-टूटना लगा रहा। नीतीश ने कहा कि समाजवादियों ने राजनीतिक संगठन बनाने पर जोर नहीं दिया। समाजवादियों को अब संभल जाना चाहिये बिहार ने एकजुटता का एक उदाहरण प्रस्तुत किया है। महागठबंधन के रूप में एकजुटता की ताकत दिखायी है। उन्होंने कहा कि आज देश में जो माहौल बन रहा है, वह ठीक नहीं है। समाजवादियों को एकजुट होना चाहिये, इसके अलावा बाकी लोग जो आरएसएस एवं भाजपा की विचारधारा को नहीं मानते हैं उनको भी एकजुट करना चाहिये। नीतीश ने कहा कि समाजवादियों में व्यक्तिगत रूप से बहुत दम है पर सामाजिक रूप से नहीं, एकजुटता की कमी है।
उन्होंने समाजवादियों की एकजुटता पर बल देते हुए कहा कि हमें एकजुट होना है। अपने और अपनी पार्टी की तरफ से पूर्ण सहयोग की गारंटी देता हूं। सही नीति तब बनेगी जब राजनीति सही होगी इसके लिये राजनीतिक संगठन को दुरुस्त करना होगा। एकजुटता जरूरी है।
नीतीश ने कहा, ‘‘हमने प्रधानमंत्री पद की कोई दावेदारी नहीं की है, हम इतने बेवकूफ नहीं हैं। देश को एक विचारधारा से मुक्त कराना है। हमने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया है। मिट जायेंगे लेकिन झुकेंगे नहीं। हमें लोगों से काम करने की प्रेरण मिलती है।’’ उन्होंने समारोह में मौजूद मेधा पाटेकर की चर्चा करते हुए केंद्र की वर्तमान सरकार की ओर इशारा करते हुए कहा कि नर्मदा आन्दोलन पर एक झटके में पानी फेर दिया गया है। आप अपनी लड़ाई जनहित, पर्यावरण, शोषित एवं वंचितों के लिए जारी रखें।
वर्तमान केन्द्र सरकार के संदर्भ में मुख्यमंत्री ने कहा कि जितनी आसानी से सत्ता में आये हैं, वैसे ही चले जायेंगे। इस अवसर पर उपस्थित हिन्द मजदूर सभा के राष्ट्रीय महामंत्री हरभजन सिंह सिद्धू के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मजदूरों के हित के लिये लगातार सिद्धू जी कार्य कर रहे हैं। उनसे मजदूरों की आवाज सुनकर मुझे भरोसा हो गया है कि अब इस आवाज को कोई दबा नहीं सकता।’’ उन्होंने कहा कि आज कितने लोगों को याद है कि सन 1934 में आज ही के दिन इसी अंजुमन इस्लामिया हॉल में कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी का जन्म हुआ था। नीतीश ने कहा कि आज ही के दिन बिहार के समाजवादी नेता दिवंगत सूरज नारायण सिंह की जयंती है। इस अवसर पर राजकीय समारोह का आयोजन किया गया था। आज उन्हें भी श्रद्धांजलि अर्पित करने का मौका मिला। उन्होंने सोशलिस्ट पार्टी के स्थापना दिवस के अवसर पर उसके 82वें वर्ष में इस प्रकार का सम्मेलन का आयोजन करने के लिए समाजवादी समागम के राष्ट्रीय संयोजक डॉ. सुनीलम को बधायी दी।
इस मौके पर वरिष्ठ समाजवादी नेता एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जीजी पारीख, हिन्द मजदूर सभा के राष्ट्रीय महामंत्री हरभजन संह सिद्धू, सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटेकर, राष्ट्रीय सेवा दल के सदाशिव मगदुम तथा समाजवादी समागम के राष्ट्रीय संयोजक डॉ. सुनीलम ने भी अपने-अपने विचार रखे।
बाद में नीतीश कुमार ने पटना के 7 सर्कुलर रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास में देश भर के समाजवादियों और जन संगठन के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। मुख्यमंत्री ने उन्हें संबोधित करते हुये कहा कि पूरे देश के अंदर जो भी जन संगठन शराबबंदी के खिलाफ आन्दोलन चलायेगा, उन सब राज्यों में दौरा करने के लिये वह तैयार हैं। इस अवसर पर उड़ीसा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उतराखण्ड एवं राजस्थान से आये जन संगठन के लोगों ने मुख्यमंत्री को शराबबंदी कार्यक्रम में आने का निमंत्रण दिया। मुख्यमंत्री ने सब का निमंत्रण स्वीकार किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी एक सामाजिक मुद्दा है। यह सामाजिक परिवर्तन की बुनियाद है। इसमें हम एक्टिव रोल अदा करेंगे और अन्य मामलों में सपोर्टिव रोल अदा करेंगे। उन्होंने कहा कि गुजरात में शराबबंदी लागू है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी शराबबंदी के पक्षधर हैं। वे भाजपा शासित राज्यों में शराबबंदी लागू करवायें।
उन्होंने कहा कि झारखण्ड सरकार का कहना है कि हम बिहार मॉडल नहीं, गुजरात मॉडल अपनायेंगे। मैंने धनबाद में महिला संगठनों द्वारा आयोजित शराबबंदी के कार्यक्रम में कहा कि झारखण्ड सरकार गुजरात मॉडल ही अपनाये। गुजरात में शराबबंदी लागू है, झारखण्ड में भी शराबबंदी लागू हो। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने कहा कि शराबबंदी से बिहार की स्थिति दयनीय होगी और बिहार कटोरा लेकर घूमेगा। मैंने लखनऊ में पंचायत सम्मेलन के दौरान कहा कि बिहार कटोरा लेकर नहीं घूमेगा। शराबबंदी से लोगों का जो पैसा बचेगा, उस पैसे से लोग सब्जी, दूध एवं अंडा खरीदकर खायेंगे। खरीद-बिक्री से बाजार का विस्तार होगा तो स्वाभाविक तौर पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष कर सरकार को मिलेगा। हमें शराब से पांच हजार करोड़ रूपये नहीं चाहिये।
मुख्यमंत्री ने समाजवादियों से आग्रह किया कि जो लड़ाई समाज परिवर्तन के लिये लड़ रहे हैं, उसको अमलीजामा पहनाने का शराबबंदी के माध्यम से एक बड़ा अवसर आया है। इस अवसर का उपयोग करके समाजवादियों को पूरे देश में समाज परिवर्तन की लड़ाई तेज करनी चाहिये।
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