जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के पक्ष में नहीं हैं नीतीश

nitish-does-not-favor-the-removal-of-article-370-from-jammu-and-kashmir
[email protected] । Jun 10 2019 5:42PM

पटना में सोमवार के आयोजित ‘लोक संवाद’ के बाद पत्रकारों से बात करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि हम लोगों ने इन बातों को वित्त आयोग के समक्ष रखने के साथ राजग की भी बैठक के दौरान रखा है।

पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र द्वारा प्रायोजित योजनाओं को बंद किए जाने की वकालत करते हुए सोमवार को कहा कि इसके स्थान पर सेंट्रल सेक्टर स्कीम चलायी जानी चाहिए यानि केंद्र सरकार देश में अगर कोई योजना चलाना चाहती है तो उसकी योजना हो। पटना में सोमवार के आयोजित ‘लोक संवाद’ के बाद पत्रकारों से बात करते हुए नीतीश ने कहा कि हम लोगों ने इन बातों को वित्त आयोग के समक्ष रखने के साथ राजग की भी बैठक के दौरान रखा है। उन्होंने हर राज्य की अपनी अपनी योजना की वकालत करते हुए कहा कि वह जब केंद्र सरकार में थे तो उस समय भी उन्होंने केंद्र द्वारा प्रायोजित योजनाओं की संख्या को घटाने में अपनी भूमिका निभायी थी।

इसे भी पढ़ें: जदयू ने किया साफ, प्रशांत किशोर के संगठन का पार्टी से कोई लेना-देना नहीं

नीतीश ने कहा कि राज्य के पिछडेपन को दूर करने के लिए अगले पांच सालों के दौरान पहल की जानी चाहिए ताकि पिछडे राज्य भी विकसित राज्यों की श्रेणी में आ जाएं। अनुच्छेद 370 हटाये जाने की मांग के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी शुरू से ही अनुच्छेद 370 हटाये जाने के पक्ष में नहीं है। उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि राम मंदिर का निर्माण अदालत के निर्णय से या लोगों की सहमति से होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह समान नागरिक संहिता को थोपे जाने के पक्ष में भी नहीं हैं। केन्द्र सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होने से संबंधित प्रश्न का जवाब देते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संबंध में हम पहले ही जवाब दे चुके हैं। कहीं कोई समस्या नहीं है। बिहार के विकास के लिए, बिहार के हित के लिए किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं आयेगी, मुझे ऐसा पूरा भरोसा है।

उन्होंने कहा कि केन्द्र द्वारा पहले ही बहुत योजनाओं को मंजूरी दी गई है उसका क्रियान्वयन किया जा रहा है। जब भी केन्द्र के प्रतिनिधियों से बातचीत होती है उसका सदुपयोग हमलोग बिहार के हित के लिए करते है। नीति आयोग की बैठक में हमलोग बिहार के विकास के संबंध में अपनी बातें रखेंगे। बिहार को विशेष राज्य के दर्जे के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि 14वें वित्त आयोग ने अपने एक वाक्य से इसे खारिज कर दिया था लेकिन 15वें वित्त आयोग के समक्ष बिहार राजग के तीनों घटक दलों ने अपनी बात रखी है। अगले पांच वर्षो में बिहार को विकसित राज्य की श्रेणी में लाने के लिए हमलोग काम करेंगे।

इसे भी पढ़ें: प्यार और तकरार के बीच बिहार में मचा सियासी बवाल

बिहार के विपक्षी महागठबंधन के लोगों के प्रहार के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि न हम उनके आलोचनाओं पर ध्यान देते थे और नहीं जो वे आज कह रहे है उस पर ध्यान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के पहले से ही विरोधियों द्वारा मेरे बारे में कई बातें कही जाती थी, मैं उस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देता था। नीतीश ने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान जनता के बीच हमलोगों ने अपनी बातों को रखा, हमनें 171 मीटिंग की। जनता ने अपना रिस्पांस दिया और जनता ने उन्हें कहां पहॅुचाया आप सब जानते हैं। उन्होंने कहा कि मतदान के बाद और चुनाव परिणाम आने के बाद आप सब के प्रश्नों का मैंने जवाब दिया है। अब इन प्रश्नों का कोई मतलब नहीं है। बिहार की जनता ने काम के आधार पर हमलोगों को अपना समर्थन दिया है। हमलोग चुनाव के बाद फिर से लोगों की सेवा में लग गये हैं।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़