समाज में टकराव पैदा कर वोट लेने वाले मौका मिलने पर सिर्फ अपने परिवार की सोचते हैं: नीतीश

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अपनी सरकार के विकास कार्यों का जिक्र करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि उनके (राजद की पूर्ववर्ती सरकार) अंतिम वर्ष का बजट 24 हजार करोड़ रुपये से भी कम था लेकिन जब हमें मौका मिला तो यही बजट आज 2 लाख 11 हजार करोड़ से ज्यादा का हो गया है।

डेहरी ऑन सोन/ भागलपुर। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को राजद सहित विपक्ष पर, समाज में टकराव और विवाद पैदा कर वोट लेने आरोप लगाया और कहा कि काम करने का मौका मिलने पर ये लोग सिर्फ अपने परिवार के लिये ही सोचते हैं। उन्होंने लोगों से बिहार को नयी ऊंचाइयों पर ले जाने और विकास कार्य जारी रखने के लिये राजग को जनादेश देने की अपील की। नीतीश ने चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘ कुछ लोग समाज में टकराव और विवाद पैदा करके वोट लेते हैं और काम करने का मौका मिलने पर सिर्फ अपने और अपने परिवार के लिये सोचते हैं। ’’ राजद नेता लालू प्रसाद पर परोक्ष निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों के लिये पति, पत्नी, बेटा-बेटी ही परिवार है जबकि हमारे लिये पूरा बिहार परिवार है। उन्होंने कहा कि भागलपुर में 1989-90 में एक घटना घटी लेकिन किसी ने भी उसकी जांच के लिए काम नहीं किया। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हमने मौका मिलते ही जांच कराई, दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की, जो पीड़ित थे उनको 2500 रुपए की सहायता राशि दी और 2013 के बाद से 5000 की सहायता दे रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि हमें एकजुट होकर बिहार को नयी ऊंचाइयों पर ले जाना है, सबका विकास करना और सबकी आमदनी बढ़ानी है। मुख्यमंत्री ने कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर लागू लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों की कठिनाइयों को लेकर विपक्ष के आरोपों का बिन्दुवार जवाब दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने कोरोना संकट के समय जो सहायता दी, वह सभी को मालूम है। कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार के सहयोग से ही, बाहर फंसे श्रमिकों को लाने के लिए विशेष ट्रेन चलाई गईं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस का दौर पूरी दुनिया में चला लेकिन देश ने प्रधानमंत्री के नेतृत्व में कोरोना से बेहतर तरीके से मुकाबला किया। नीतीश कुमार ने कहा, ‘‘ केंद्र से जो हमें सहयोग मिला, उसी का नतीजा है कि हमारे सभी लोग ट्रेन के माध्यम से वापस आये और बिहार में कोरोना संक्रमण से ठीक होने की दर 94 प्रतिशत तक पहुंची।’’ उन्होंने कहा ‘‘ केंद्र सरकार की मदद से 500-500 बिस्तरों के कोरोना अस्पताल का निर्माण किया गया है। राशनकार्डधारियों को एक-एक हजार रुपये की सहायता दी गई। जिसकी भी कोरोना वायरस संक्रमण के कारण मौत हुई है उसे राज्य सरकार ने चार लाख रुपए की सहायता दी है।’’ गौरतलब है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने कोरोना वायरस संकट से निपटने और प्रवासी मजदूरों की कठिनाइयों को लेकर नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार सरकार पर निशाना साधा है। 

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राजद की पूर्ववर्ती सरकार के दौरान रही कानून एवं व्यवस्था की स्थिति का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले नरसंहार, हत्या सहित अपराध की घटनाएं होती थीं, और डॉक्टरों एवं व्यापारियों को अन्यत्र भागना पड़ा था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ हमने अपराध की घटनाओं को नियंत्रित कर कानून का राज कायम किया। ’’ नीतीश कुमार ने कहा, ‘‘ देश के विकास के साथ बिहार का विकास करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नयी पहल की है। अगर आप बिहार का विकास चाहते हैं और राज्य को आगे ले जाना चाहते हैं तो राजग के सभी उम्मीदवारों को विजयी बनायें।’’ उन्होंने कहा ‘‘ हमें आगे काम करने का मौका मिला तो हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचा देंगे। नयी टेक्नोलॉजी को गांव-गांव तक पहुंचाएंगे, सभी युवक-युवतियों को इसका प्रशिक्षण दिलवाएंगे। ’’ अपनी सरकार के विकास कार्यों का जिक्र करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि उनके (राजद की पूर्ववर्ती सरकार) अंतिम वर्ष का बजट 24 हजार करोड़ रुपये से भी कम था लेकिन जब हमें मौका मिला तो यही बजट आज 2 लाख 11 हजार करोड़ से ज्यादा का हो गया है। उन्होंने कहा कि हमने हर घर तक बिजली पहुंचा दी है और साल 2005 में बिजली की जो खपत मात्र 500 मेगावाट थी, वह आज 6000 मेगावाट हो गई है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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