AAP के साथ गठबंधन से शीला दीक्षित का साफ इनकार, बोलीं- अकेले लड़ेंगे चुनाव

no-alliance-with-aap-in-delhi-announces-sheila-dikshit-after-meeting-with-rahul-gandhi

दोनों पार्टियों के बीच में 3-3 सीटों को लेकर फॉर्मूला सामने आ रहा है और दिल्ली की बची हुए एक सीट को शत्रुध्न सिन्हा या फिर यशंवत सिन्हा के लिए छोड़ी जा सकती है।

नई दिल्ली। एयर स्ट्राइक के बाद भारतीय राजनीति में पनपे हालातों को देखते हुए दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी चाहते थे कि आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन कर लिया जाए। इसी को लेकर आज राहुल गांधी के सरकारी आवास में बैठक बुलाई गई। इसी बीच नाम न लिए जाने की शर्त पर सूत्र ने बताया कि दोनों पार्टियों के बीच में 3-3 सीटों को लेकर फॉर्मूला सामने आ रहा है और दिल्ली की बची हुए एक सीट को शत्रुध्न सिन्हा या फिर यशंवत सिन्हा के लिए छोड़ी जा सकती है।

इसे भी पढ़ें: कांग्रेस ने AAP के साथ गठबंधन के लिए कर दिया इनकार: केजरीवाल

जबकि पहले 2 फॉर्मूले सामने आ रहे थे। पहला फॉर्मूला था कि आप दिल्ली की 6 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और एक सीट कांग्रेस को देगी और फिर वह कांग्रेस की मौजूदगी वाले राज्य में चुनाव नहीं लड़ेंगे। जबकि दूसरा फॉर्मूला यह कह रहा था कि आम आदमी पार्टी कांग्रेस को दिल्ली की 2 सीटें दे सकती है लेकिन फिर वह पंजाब और हरियाणा की सीटों पर भी बातचीत करेंगे।

इन्हीं कयासों के बीच में एक बड़ी खबर सामने आ रही है कि कांग्रेस की दिल्ली इकाई की अध्यक्ष शीला दीक्षित ने साफ तौर पर आम आदमी पार्टी के साथ किसी  भी तरह का गठबंधन करने से इनकार कर दिया है। जिसे केजरीवाल के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। क्योंकि आम आदमी पार्टी ने अपने छह उम्मीदवार घोषित करके कांग्रेस पर दवाब बनाने का प्रयास किया था। वहीं, आप के दिल्ली संयोजक गोपाल राय ने कहा था कि अभी भी हम गठबंधन के रास्ते खोल सकते हैं।

दरअसल, शीला दीक्षित ने कहा है कि कांग्रेस अपने दम पर लोकसभा चुनाव लड़ेगी और यह फैसला पार्टी ने सर्वसम्मति से लिया है कि हम दिल्ली में गठबंधन नहीं करेंगे।

इसे भी पढ़ें: दिल्ली की लोकसभा सीटों के लिए AAP ने घोषित किए उम्मीदवारों के नाम

आपको बता दें कि पाकिस्तान में आतंकी संगठनों पर किए गए एयर स्ट्राइक के बाद से देश में एक तरफा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम की लहर वापस लौटने के बाद से महागठबंधन के विस्तार की कवायद तेज हो गई है। जिसके बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कांग्रेस और आप के बीच सूत्रधर का काम कर रही थीं और वह चाहती थीं कि दोनों पार्टियों के बीच में गठबंधन हो जाए ताकि दिल्ली में भाजपा को सभी सीटों पर हराया जा सके।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़