भय्यू महाराज के वित्तीय उत्तराधिकार मसले में अभी कोई फैसला नहीं

No decision yet on the financial succession issue of bhaiyyuji maharaj
[email protected] । Jun 14 2018 7:02PM

भय्यू महाराज की खुदकुशी के दो दिन बाद उनके स्थापित ट्रस्ट के एक पदाधिकारी ने आज कहा कि आध्यात्मिक ​गुरु के ​वित्तीय उत्तराधिकार के मसले में फिलहाल कोई फैसला नहीं किया गया है।

इंदौर। भय्यू महाराज की खुदकुशी के दो दिन बाद उनके स्थापित ट्रस्ट के एक पदाधिकारी ने आज कहा कि आध्यात्मिक ​गुरु के ​वित्तीय उत्तराधिकार के मसले में फिलहाल कोई फैसला नहीं किया गया है। यह मसला भय्यू महाराज के कथित सुसाइड नोट से खड़ा हुआ है, जिसमें उनके वित्तीय अधिकार, सम्पत्ति, बैंक खाते और संबंधित मामलों में दस्तखत का हक उनके खास सेवादार विनायक दुधाड़े को सौंपे जाने का जिक्र है। दुधाड़े करीब 15 साल पहले उनसे जुड़ा था और साये की तरह उनके साथ रहता था।

यह पूछे जाने पर कि क्या भय्यू महाराज का स्थापित श्री सद्गुरु दत्त धार्मिक एवं पारमार्थिक ट्रस्ट इस सुसाइड नोट के मुताबिक संस्था के सारे वित्तीय अधिकार उनके सेवादार को सौंप देगा, ट्रस्ट के सचिव तुषार पाटिल ने से कहा, "अभी हम इस विषय में कुछ भी सोचने की स्थिति में नहीं हैं। हमारे गुरु हमें हमेशा के लिये छोड़कर चले गये हैं जिससे हम भारी सदमे में हैं।" उन्होंने संकेत दिये कि कुछ दिन बाद ट्रस्ट की बैठक आयोजित कर तय किया जा सकता है कि भय्यू महाराज के वित्तीय उत्तराधिकार मसले में क्या कदम उठाया जाये। 

पाटिल ने कहा, "हम कुछ दिन बाद मिल-बैठकर तय करेंगे कि भय्यू महाराज की शुरू की गयी अलग-अलग परियोजनाओं को किस तरह पूरा करना है। फिलहाल बैठक की तारीख तय नहीं की गयी है।’’ उन्होंने बताया कि भय्यू महाराज के इंदौर में 21 मार्च 1999 को स्थापित ट्रस्ट में 11 ट्रस्टी हैं– यह संस्था मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में कृषि, जल संरक्षण और सामाजिक क्षेत्र में अलग-अलग गतिविधियां चलाती है।

सूत्रों के मुताबिक कथित सुसाइड नोट में भय्यू महाराज द्वारा अपनी संपत्ति का जिम्मा अपने परिवार के सदस्यों के बजाय सेवादार को सौंपे जाने के जिक्र से उनके ट्रस्ट के लोग भी भारी आश्चर्य में हैं। हालांकि, फिलहाल इस विषय में कोई खुलकर बात नहीं कर रहा है। भय्यू महाराज का वास्तविक नाम उदय सिंह देशमुख था। वह मध्यप्रदेश के शुजालपुर कस्बे के जमींदार परिवार से ताल्लुक रखते थे। उनकी पहली पत्नी माधवी की नवंबर 2015 में दिल के दौरे के कारण मौत हो गयी थी। इसके बाद उन्होंने वर्ष 2017 में 49 साल की उम्र में मध्यप्रदेश के शिवपुरी की डॉ– आयुषी शर्मा के साथ दूसरी शादी की थी। आयुषी से उन्हें दो महीने की बेटी है।

भय्यू महाराज के शोक संतप्त परिवार में उनकी मां कुमुदिनी देशमुख (70) और पहली पत्नी से जन्मी बेटी कुहू (17) भी है। भय्यू महाराज (50) ने अपने बाइपास रोड स्थित बंगले में 12 जून को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। कथित सुसाइड नोट के एक हिस्से में उन्होंने लिखा कि वह भारी तनाव से तंग आने के कारण जान दे रहे हैं। पुलिस अलग-अलग पहलुओं से मामले की विस्तृत जांच कर रही है।

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