दोनों भाईयों के बीच कोई मतभेद नहीं, विपक्षी दल भ्रम फैला रहे हैं: मीसा

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तेजस्वी और तेजप्रताज के बीच मनमुटाव के सवाल पर मीसा भारती ने कहा कि ‘‘दोनों के बीच कोई मतभेद नहीं है। तेजप्रताप ने हमेशा छोटे भाई तेजस्वी को अपना अर्जुन बताया है। हो सकता है कि उन्होंने कुछ प्रत्याशियों का नाम सुझाया हो जिस पर पार्टी ने मिलकर निर्णय लिया हो या विचार विमर्श चल रहा हो । यह सामान्य प्रक्रिया है और हर स्वस्थ राजनीतिक दल में ऐसा होता है ।’’

पटना। बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव और उनके भाई तेजप्रताप यादव के बीच टिकटों के बंटवारे को लेकर मतभेद की खबरों का खंडन करते हुए उनकी बहन और पाटलिपुत्र से राजद प्रत्याशी मीसा भारती ने कहा कि  विपक्षी दल भ्रम फैला रहे हैं। परिवार में कोई कलह नहीं और पार्टी एकजुट है। मीसा ने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर देश को इवेंट मैनेजमेंट कंपनी की तरह चलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि देश में ‘मोदी लहर’ नहीं बल्कि ‘मोदी कहर’ है। उन्होंने कहा ,‘‘ पांच साल सरकार इवेंट मैनेजमेंट कंपनी की तरह चली और देशभक्ति की आड़ में नाकामी और मुद्दों को छिपाने का प्रयास हुआ । सरकार चाय , पकौड़े, चौकीदार, गाय , भगोड़े, भागीदार इन छह शब्दों में समिटकर रह गई है ।’’

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तेजस्वी और तेजप्रताज के बीच मनमुटाव के सवाल पर उन्होंने कहा ,‘‘दोनों के बीच कोई मतभेद नहीं है। तेजप्रताप ने हमेशा छोटे भाई तेजस्वी को अपना अर्जुन बताया है। हो सकता है कि उन्होंने कुछ प्रत्याशियों का नाम सुझाया हो जिस पर पार्टी ने मिलकर निर्णय लिया हो या विचार विमर्श चल रहा हो । यह सामान्य प्रक्रिया है और हर स्वस्थ राजनीतिक दल में ऐसा होता है ।’’

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उन्होंने कहा ,‘‘ इसका मतलब यह नहीं कि पार्टी के अंतिम निर्णय में वह साथ नहीं हैं । विपक्षी दल भ्रम फैलाकर खुश हो सकते हैं लेकिन जनता सच जानती है और चुनाव मुद्दों पर लड़े जाते हैं । राष्ट्रीय जनता दल पूरी ताकत से एकजुट होकर चुनाव लड़ रहा है ।’’

लालूप्रसाद यादव के परिवार से मीसा अकेली लोकसभा चुनाव में उतरी है । यह पूछने पर कि क्या उन्हें पिता की कमी खल रही है, मीसा ने कहा ,‘‘ लालूजी एक व्यक्ति नहीं बल्कि विचारधारा हैं । किसी के शरीर को चारदीवारी में कैद कर सकते हैं लेकिन विचारों को नहीं । लालूजी की कमी मुझे ही नहीं बल्कि हर नागरिक को खल रही है जिसकी आवाज जाति , धर्म और आर्थिक स्थिति को देखकर दबाई जा रही है । जनता मतदान से अपना रोष जाहिर करेगी।’’

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जातिगत समीकरण के मसले पर मीसा ने कहा कि बिहार के दलित और पिछड़े सिर्फ प्रदेश की नहीं बल्कि देश की राजनीति को देखकर मतदान करेंगे । उन्होंने कहा ,‘‘ रोहित वेमुला , आर्थिक आरक्षण, मध्यप्रदेश में पिछड़ों के लिये 27 प्रतिशत आरक्षण पर रोक, सहारनपुर दंगे, बहुजन युवाओं का एनकाउंटर । जब इतना कुछ हो रहा है तो कोई कैसे अपेक्षा कर सकता है कि इस बार चुनाव में केंद्र सरकार के खिलाफ जाति के आधार पर मतदान नहीं होगा ।’’

 

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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