1996 के बाद पहली बार रिपब्लिक डे परेड में नहीं होंगे कोई विदेशी मुख्य अतिथि
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि वैश्विक स्तर पर कोरोना महामारी की वजह से इस वर्ष गणतंत्र दिवस पर किसी भी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष को चीफ गेस्ट के तौर पर नहीं आमंत्रित किया गया।
26 जनवरी का दिन यानी गणतंत्र दिवस जब दूसरे देशों के राष्ट्रप्रमुख. प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया जाता था। लेकिन इस साल गणतंत्र दिवस के मौके पर कोई भी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष चीफ गेस्ट के तौर पर नहीं होंगे। दरअसल, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जाॅनसन को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया था। लेकिन ब्रिटेन में कोरोना के नए स्ट्रेन की वजह से बोरिस जाॅनसन ने ऐन वक्त पर अपना भारत दौरा रद्द कर दिया। जिसके बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि वैश्विक स्तर पर कोरोना महामारी की वजह से इस वर्ष गणतंत्र दिवस पर किसी भी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष को चीफ गेस्ट के तौर पर नहीं आमंत्रित किया गया।
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इससे पहले भी मुख्य अतिथि नहीं हुआ था शामिल
हर वर्ष 26 जनवरी को देश की राजधानी दिल्ली के राजपथ पर भारत अपनी संस्कृति और शौर्य का प्रदर्शन करता है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार 1966 के बाद पहली बार ऐसा होगा कि कोई विदेशी अतिथि गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल नहीं होगा। 1952 और 1953 में भी गणतंत्र दिवस परेड में कोई मुख्य अतिथि शामिल नहीं हो सका था।
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