तमिलनाडु में हिंदी भाषा विवाद पर बोले विदेश मंत्री, कहा- कोई भी भाषा थोपी नहीं जाएगी
जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘एचआरडी मंत्री को सौंपी गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति महज एक मसौदा रिपोर्ट है। आम जनता से प्रतिक्रिया ली जाएगी। राज्य सरकारों से परामर्श किया जाएगा।
नयी दिल्ली। गैर हिंदी भाषी राज्यों में हिंदी पढ़ाने का प्रस्ताव देने वाली शिक्षा नीति के मसौदे पर तमिलनाडु में आक्रोश को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को कहा कि इस मुद्दे पर अंतिम फैसला लिए जाने से पहले राज्य सरकारों से परामर्श लिया जाएगा। जयशंकर की प्रतिक्रिया इस मुद्दे पर टि्वटर यूजर के एक सवाल के जवाब में आयी है।
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जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘एचआरडी मंत्री को सौंपी गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति महज एक मसौदा रिपोर्ट है। आम जनता से प्रतिक्रिया ली जाएगी। राज्य सरकारों से परामर्श किया जाएगा। इसके बाद ही इस मसौदा रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया जाएगा। भारत सरकार सभी भाषाओं का सम्मान करती है। कोई भाषा थोपी नहीं जाएगी।’’
The National Education Policy as submitted to the Minister HRD is only a draft report. Feedback shall be obtained from general public. State Governments will be consulted. Only after this the draft report will be finalised. GoI respects all languages. No language will be imposed
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) June 2, 2019
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पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के नक्श-ए-कदम पर चलते हुए जयशंकर ने रविवार को टि्वटर पर कई सवालों और विदेश में रह रहे कई भारतीयों की मदद की अपीलों का जवाब दिया।
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