सभी कृषि जिंसों पर न्यूनतम निर्यात मूल्य लगाने की कोई योजना नहीं: Commerce Ministry

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प्रतिरूप फोटो
ANI

इस समिति को व्यापक क्षेत्राधिकार मिलने का मतलब यह नहीं है कि ‘‘समिति हरेक कृषि उत्पाद पर गौर करेगी और उसके लिए एमईपी लगाने की सिफारिश करना शुरू कर देगी।’’

सरकार ने शुक्रवार को कहा कि उसकी सभी कृषि जिंसों (उत्पादों) पर न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) तय करने की स्पष्ट रूप से कोई योजना नहीं है। वाणिज्य विभाग में अतिरिक्त सचिव राजेश अग्रवाल ने कहा कि सरकार का सभी कृषि उत्पादों के निर्यात को लेकर ऐसा कदम उठाने का कोई इरादा नहीं है।

उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि सरकार का सभी कृषि उत्पादों पर एमईपी लगाने या निर्यात के नजरिये से सभी कृषि उत्पादों की समीक्षा करने का कोई इरादा नहीं है। ऐसा कोई निर्णय नहीं है। सरकार की ऐसी कोई योजना नहीं है।’’

प्याज पर एमईपी लगाने के बारे में गौर करने वाली एक अंतर-मंत्रालयी समिति ने हाल ही में बासमती चावल पर ऐसा निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि इस समिति को व्यापक क्षेत्राधिकार मिलने का मतलब यह नहीं है कि ‘‘समिति हरेक कृषि उत्पाद पर गौर करेगी और उसके लिए एमईपी लगाने की सिफारिश करना शुरू कर देगी।’’

उन्होंने बताया कि गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के बावजूद, भारत ने 14 से अधिक देशों के खाद्य सुरक्षा मसलों को देखते हुए उन्हें निर्यात के लिए 13 लाख टन चावल आवंटित किया है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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