मोदी को चुनौती देने का विपक्ष में किसी के पास साहस और क्षमता नहीं: राम माधव
माधव ने कहा कि भाजपा ने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के दिशानिर्देशन में अपने कार्यकर्ताओं की उत्साहजनक और समर्पित भागीदारी के साथ चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है।
जम्मू। लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा के सत्ता में लौटने का भरोसा जताते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता राम माधव ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती देने की विपक्ष में किसी के पास ‘‘साहस और क्षमता’’ नहीं है। माधव ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘कुर्सी (प्रधानमंत्री पद) से मोदी को हटाने के लिए लोगों के पास कोई कारण नहीं है ... विपक्षी खेमे में ऐसा कोई (नेता) नहीं है, जिसके पास प्रधानमंत्री और भाजपा को चुनौती देने की क्षमता तथा साहस हो।’’ भाजपा महासचिव ने कहा कि पार्टी 2019 में भी 2014 का प्रदर्शन दोहराएगी और राजग के घटक दलों के साथ मौजूदा सीटों से कहीं अधिक सीटें हासिल कर विजेता बन कर उभरेगी। माधव ने कहा कि भाजपा ने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के दिशानिर्देशन में अपने कार्यकर्ताओं की उत्साहजनक और समर्पित भागीदारी के साथ चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। उन्होंने कहा, ‘‘यदि समूचा विपक्ष भी एकजुट हो गया, तो भी वे लोग जीत नहीं पाएंगे क्योंकि भाजपा को देश भर में लोगों का समर्थन प्राप्त है।’’
Prominent person joining BJP in presence of National General Secretary Sh. Ram Madhav and other senior leaders at Party Headquarters Trikuta Nagar Jammu.https://t.co/Cszjuikn9O
— BJP Jammu & Kashmir (@BJP4JnK) January 20, 2019
माधव ने कोलकाता में शनिवार को हुई विपक्ष की रैली को सरकार के शिकंजे से खुद को बचाने के लिए भ्रष्ट चेहरों का एकजुट होना बताया। उन्होंने कहा कि वे लोग विभिन्न गठबंधनों के तहत एकजुट होने की कोशिश कर रहे हैं और दूसरा - तीसरा मोर्चा बना रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें कोशिश करने दीजिए...पर सरकार का काम खुद ही बोलेगा।’’ भाजपा महासचिव ने जोर देते हुए कहा कि विपक्षी नेता अपने निहित हितों को और भ्रष्टाचार के खिलाफ मोदी द्वारा शुरू किए गए अभियान से खुद को बचाने के लिए एकत्र हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि शनिवार की रैली में मंच पर मौजूद चेहरों (नेताओं) से यह स्पष्ट हो गया कि सभी भ्रष्ट नेता और वंशवादी शासक एकजुट हुए थे। उन्होंने कहा कि कोलकाता की रैली में विपक्षी नेताओं ने खुद ही स्वीकार किया कि देश को चलाने के लिए उनके पास कोई कार्यक्रम नहीं है। उनका एकमात्र एजेंडा मोदी सरकार को हटाना और भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम से खुद को बचाना है।
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रैली में ईवीएम को ‘‘चोर मशीन’’ बताने संबंधी नेशनल कांफ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला के बयान के बारे में पूछे जाने पर माधव ने कहा कि, ‘‘मैं उन पर प्रतिक्रिया जाहिर नहीं करना चाहता। मैं मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के कांग्रेस नेतृत्वों से पूछना चाहता हूं कि क्या वे अब्दुल्ला से सहमत होंगे क्योंकि उन्होंने (कांग्रेस ने) इन राज्यों में हालिया चुनाव जीते हैं। पहले उन्हें उत्तर देने दीजिए, फिर हम देखेंगे।’’ अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए कांग्रेस को समर्थन देने संबंधी विहिप नेता आलोक कुमार के बयान पर माधव ने कहा, ‘‘यदि कांग्रेस तैयार है, तो उसे आगे आना चाहिए और सरकार को कहना चाहिए कि हम मिल कर राम मंदिर बनाएंगे।’’ दरअसल, कुमार ने कहा था कि यदि कांग्रेस ने अपने चुनाव घोषणापत्र में राममंदिर निर्माण का मुद्दा शामिल किया तो संगठन उसे समर्थन देगा। माधव ने कहा कि देश कांग्रेस का चरित्र जानता है। मंदिर मुद्दे पर शीघ्र फैसले का विरोध करने वालों में कांग्रेस से जुड़े लोग - कपिल सिब्बल - शामिल हैं।
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