किसानों का मुद्दा उठाने पर पद जाने का डर नहीं : मेघालय के राज्यपाल

Satya Pal Malik

राज्यपाल ने कहा कि किसानों का मुद्दा उठाने पर उन्हें अपना पद जाने का डर नहीं है। मलिक ने कहा कि सेवानिवृत्ति के बाद उनके पास रहने के लिए अपना मकान तक नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए मैं उनके साथ लड़ सकता हूं।’’

हिसार (हरियाणा), 14 अप्रैल मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने बृहस्पतिवार को कहा कि किसानों का मुद्दा उठाने पर उन्हें अपना पद जाने का भी डर नहीं है।

अनौपचारिक कार्यक्रम के दौरान मलिक ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं मूल रूप से किसान हूं। मेरा राजनीतिक प्रशिक्षण (पूर्व प्रधानमंत्री) चौधरी चरण सिंह के छत्र छाया में हुआ है। उन्होंने मुझसे कहा था कि अगर आपको किसानों के लिए कुछ भी छोड़ना पड़े तो उसे छोड़ दें, लेकिन उनके लिए लड़ें और उनके लिए आवाज उठाएं।’’

राज्यपाल ने कहा कि किसानों का मुद्दा उठाने पर उन्हें अपना पद जाने का डर नहीं है। मलिक ने कहा कि सेवानिवृत्ति के बाद उनके पास रहने के लिए अपना मकान तक नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए मैं उनके साथ लड़ सकता हूं।’’

इसके पहले उन्होंने आरोप लगाया था कि जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के रूप में दो फाइलों को निपटाने के लिए लिए उन्हें रिश्वत की पेशकश की गई थी।

जब एक रिपोर्टर ने उनसे पूछा कि राज्यपाल के रूप में उन्होंने जिन फाइलों पर हस्ताक्षर किए हैं, वे सभी अब सीबीआई जांच के दायरे में होंगी। इस पर मलिक ने कहा कि उन्हें इससे कोई समस्या नहीं है।

उन्होंने एक अन्य संबंधित सवाल के जवाब में कहा, ‘‘सीबीआई ने मुझसे संपर्क नहीं किया है, मुझे जो कहना था, मैंने कह दिया है। अगर वे मुझसे पूछेंगे, तो मैं बताऊंगा, क्योंकि मेरे पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है।’’

अगस्त 2019 में तत्कालीन राज्य को केंद्र शासित प्रदेशों-जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित करने से पहले मलिक जम्मू और कश्मीर के अंतिम राज्यपाल थे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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