कोरोना की यह दूसरी लहर नहीं बल्कि सुनामी है! ऑक्सीजन की आपूर्ति को बाधित करने वालों को लटका देंगे: HC

Delhi high court
रेनू तिवारी । Apr 24 2021 1:59PM

देश में कोरोना वायरस के कारण हालात काफी ज्यादा बिगड़ते जा रहे हैं। कोरोना के मामलों में हर दिन लगातार रिकॉर्ड तोड़ बढ़होतरी हो रही है। अस्पतालों में मरीजों की बड़ी संख्या में मौत हो रही है।

देश में कोरोना वायरस के कारण हालात काफी ज्यादा बिगड़ते जा रहे हैं। कोरोना के मामलों में हर दिन लगातार रिकॉर्ड तोड़ बढ़होतरी हो रही है। अस्पतालों में मरीजों की बड़ी संख्या में मौत हो रही है। ऑक्सीजन के कारण मरीज दम तोड़ रहे है। अस्पतालों का बुरा हाल है तो शमशान घाट पर लाशों की लंबी कतार लगी है। शमशान घाट में जगह नहीं है शवों को जलाने के लिए नहीं है। अब ऐसे में लोग बेहाल है। ऑक्सीजन के लिए लोग तरस रहे हैं। महाराजा अग्रसेन अस्पताल गंभीर रूप से बीमार कोविड मरीजों के लिए ऑक्सीजन की कमी को लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय पहुंचा, सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि अगर कोई ऑक्सीजन की आपूर्ति रोकता है तो हम उसे नहीं बख्शेंगे।

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उच्च न्यायालय ने केंद्र से सवाल किया दिल्ली के लिए आवंटित 480 मीट्रिक टन ऑक्सीजन कब मिलेगी? दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र व दिल्ली सरकार से कहा कोविड-19 से होने वाली मृत्यु की दर घटाने की आवश्यकता है। हर दिन कोविड -19 सकारात्मक रोगियों की बढ़ती संख्या से अभिभूत होकर, पिछले कुछ दिनों में कई अस्पतालों द्वारा चिकित्सा ऑक्सीजन की कमी को झंडी दिखा दी गई है, जिससे भारत में स्वास्थ्य सेवा की स्थिति का पता चलता है। वास्तव में, कई अस्पतालों ने ऑक्सीजन एसओएस भेजा है, जो तत्काल आपूर्ति की मांग कर रहे हैं।

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यह कोरोना की दूसरी लहर नहीं सुनामी है

दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र से पूछा कि कोविड-19 की दूसरी लहर के मई में चरम पर पहुंचने की आशंका के मद्देनजर उसकी क्या तैयारियां हैं। कोर्ट ने कहा है कि यह कोरोना वायरस की दूसरी लहर नहीं बल्कि सुनामी है जिसने देश को एक बड़ी मुसिबत में खड़ा कर दिया है। न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ की ओर से उक्त टिप्पणी महाराजा अग्रसेन अस्पताल की एक याचिका पर सुनवाई के दौरान आई है। 

ऑक्सीजन की कमी को लेकर कोर्ट ने किया सरकारों से सवाल

अस्पताल ने गंभीर रूप से बीमार कोविड मरीजों के लिए ऑक्सीजन की कमी को लेकर उच्च न्यायालय का रुख किया है। अदालत ने दिल्ली सरकार से कहा कि वह बताए कि कौन ऑक्सीजन की आपूर्ति को बाधित कर रहा है। पीठ ने कहा, “ हम उस व्यक्ति को लटका देंगे। हम किसी को भी नहीं बख्शेंगे।” 

अदालत ने दिल्ली सरकार से कहा कि वह स्थानीय प्रशासन के ऐसे अधिकारियों के बारे में केंद्र को भी बताए ताकि वह उनके खिलाफ कार्रवाई कर सके। उच्च न्यायालय ने केंद्र से भी सवाल किया कि दिल्ली के लिए आवंटित प्रतिदिन 480 मीट्रिक टन ऑक्सीजन उसे कब मिलेगी? अदालत ने कहा, “ आपने (केंद्र ने) हमें (21 अप्रैल को) आश्वस्त किया था कि दिल्ली में प्रतिदिन 480 मीट्रिक टन ऑक्सीजन पहुंचेगी। हमें बताएं कि यह कब आएगी?” दिल्ली सरकार ने अदालत को सूचित किया कि उसे पिछले कुछ दिनों से रोजाना सिर्फ 380 मीट्रिक टन ऑक्सीजन ही मिल रही है और शुक्रवार को उसे करीब 300 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिली थी। इसके बाद अदालत ने केंद्र से सवाल किया।

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