पीएम पद की रेस में नहीं हूं मैं, विपक्षी एकता से हताश है भाजपा: ममता

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[email protected] । Aug 2 2018 10:43AM

तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा कि वह प्रधानमंत्री बनने की प्रतिस्पर्धा में नहीं हैं और उनकी पहली प्राथमिकता विपक्षी एकता के कारण 2019 के चुनावों का सामना करने से ‘‘डरी और हताश’’ भाजपा को हराना है।

 नयी दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा कि वह प्रधानमंत्री बनने की प्रतिस्पर्धा में नहीं हैं और उनकी पहली प्राथमिकता विपक्षी एकता के कारण 2019 के चुनावों का सामना करने से ‘‘डरी और हताश’’ भाजपा को हराना है। भाजपा विरोधी मोर्चा बनाने के लिए विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने की कोशिशों की अगुवाई करती दिख रहीं ममता ने दिल्ली में आज लगातार दूसरा दिन बिताया और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी एवं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सहित विभिन्न पार्टियों के नेताओं से मुलाकात की। कांग्रेस, तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा), वाईएसआर (कांग्रेस), द्रमुक, राजद, सपा एवं जनता दल सेक्यूलर (जेडीएस) के नेताओं के अलावा ममता ने भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, शिवसेना नेता संजय राऊत और भाजपा के असंतुष्ट नेताओं से मुलाकात की।अगले साल 19 जनवरी को कोलकाता में प्रस्तावित अपनी रैली के लिए विपक्षी पार्टियों के नेताओं को आमंत्रित करने वाली ममता ने पत्रकारों से कहा, ‘‘विपक्ष एकजुट है....2019 में भाजपा खत्म हो जाएगी।’’ प्रस्तावित रैली को न सिर्फ विपक्षी एकता का प्रदर्शन बल्कि ममता को राजनीति के केंद्र में स्थापित करने की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता ने सोनिया गांधी के आवास 10 जनपथ पर सोनिया और राहुल से करीब आधे घंटे की मुलाकात के बाद कहा, ‘‘हम एकजुट हैं। हम सामूहिक नेतृत्व पर फैसला लेंगे। यदि सभी विपक्षी पार्टियां संसद में हाथ मिला सकती हैं और साथ मिलकर काम कर सकती हैं तो बाहर मिलकर क्यों नहीं लड़ सकतीं?’’ विपक्ष की तरफ से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर ममता को स्वीकार करने के कांग्रेस के संकेत पर तृणमूल सुप्रीमो ने कहा, ‘‘मैं कुर्सी की रेस में नहीं हूं। हमारा मकसद भाजपा को हराना है।’’ अगले साल लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ एकजुट तरीके से मुकाबला करने के लिए लगभग सारी विपक्षी पार्टियां बातचीत के शुरूआती चरण में हैं। ममता ने कहा कि उन्होंने सोनिया एवं राहुल दोनों से मुलाकात की और एनआरसी के मुद्दे पर चर्चा की, क्योंकि इसमें 40 लाख लोगों को शामिल नहीं किया गया है और वाजिब वोटरों को भी इससे बाहर कर दिया गया है। ।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने राजनीतिक हालात पर चर्चा की। हमने इस बात पर चर्चा की कि विपक्ष किस तरह एकजुट होकर भाजपा से मुकाबला कर सकता है, क्योंकि वह (भाजपा) जानती है कि वह सत्ता में वापसी नहीं कर सकती।’’ प्रस्तावित भाजपा विरोधी मोर्चा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के बारे में पूछे जाने पर ममता ने कहा, ‘‘इस पर बाद में फैसला होगा। पहली प्राथमिकता भाजपा को मात देना है। पहले भाजपा को हराना है।'' एनआरसी के मुद्दे पर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की ओर से आलोचना किए जाने पर ममता ने कहा, ‘‘मैं उनकी नौकरानी नहीं हूं। मैं उनकी टिप्पणियों पर क्यों जवाब दूं?’’ उन्होंने कहा, ‘‘गाली का जवाब हम गाली से नहीं देंगे। यह हमारी परंपरा है।’’ ममता ने कहा, ‘‘विपक्षी पार्टियों की एकता के कारण भाजपा डरी हुई है और राजनीतिक तौर पर हताश है। भाजपा जानती है कि 2019 में उसका क्या होने वाला है, क्योंकि वे सत्ता में वापसी नहीं करने वाले। इसलिए वे ऐसा माहौन बना रहे हैं और यह सब कर रहे हैं।’’ विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के नेताओं के साथ अपनी मुलाकात पर ममता ने कहा, ‘‘हम हर नेता को जानते हैं। मुझे उनसे मिलकर खुशी हुई।’’ असम में एनआरसी के अंतिम मसौदे के प्रकाशन के मुद्दे पर केंद्र पर हमला बोलते हुए ममता ने कहा, ‘‘बिहार, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, गुजरात, पश्चिम बंगाल के लोगों के नाम बाहर रखे गए हैं। हम चाहते हैं कि वे शांति से रहें। कुछ लोग तो असम में 100 साल से पांच पीढ़ियों से रह रहे हैं। आप उनके साथ ऐसा कैसे कर सकते हैं?’’ ममता ने कहा, ‘‘मैं नहीं जानती कि भाजपा क्या चाहती है- गृह युद्ध या खूनखराबा। लेकिन हम ऐसा नहीं चाहते।’’ पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के साथ गठबंधन पर ममता ने कहा कि हर पार्टी अपना फैसला करेगी। उन्होंने कहा, ‘‘मैं कांग्रेस के फैसलों में दखल नहीं दे सकती। हमारा मानना है कि राज्य में सबसे मजबूत पार्टी को भाजपा से मुकाबला करना चाहिए।’’

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