आवारा कुत्तों को मारे जाने के खिलाफ याचिका पर यूपी सरकार को नोटिस

Notice to UP government on petition against death of stray dogs
[email protected] । Jun 1 2018 7:25PM

एक पक्ष की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद ग्रोवर ने कहा कि सीतापुर जिले में बच्चों की मौत पर दो विवादित रिपोर्ट थीं।

नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में आवारा कुत्तों को मारे जाने के खिलाफ एक याचिका पर राज्य सरकार और पशु कल्याण बोर्ड को नोटिस जारी करके आज उनसे जवाब मांगा।पिछले कुछ महीनों में सीतापुर में कुत्तों के हमलों में कई बच्चों की मौत होने पर वहां आवारा कुत्तों को मारा जा रहा था। न्यायमूर्ति एल.नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति एमएम शांतानगौदर की एक अवकाशकालीन पीठ ने सीतापुर के जिला मजिस्ट्रेट और राज्य के पशु कल्याण बोर्ड को भी उस याचिका पर नोटिस जारी किये जिसमें और आवारा कुत्तों को मारे जाने पर अंतरिम रोक लगाये जाने का आग्रह किया गया था।

एक पक्ष की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद ग्रोवर ने कहा कि सीतापुर जिले में बच्चों की मौत पर दो विवादित रिपोर्ट थीं। वकील ने कहा कि एक रिपोर्ट में कहा गया है कि बच्चे कुछ जंगली जानवरों द्वारा काटे जाने के बाद मर रहे है, जबकि डीएम की रिपोर्ट है कि कुत्ते के काटने के कारण मौतें हुई हैं। पीठ ने गार्गी श्रीवास्तव द्वारा याचिका की सुनवाई की अगली तिथि आठ जून तय की।इससे पूर्व उच्चतम न्यायालय सीतापुर जिले में आवारा कुत्तों को कथित रूप से मारे जाने के खिलाफ दायर याचिका पर आज सुनवाई के लिए सहमत हुआ था।याचिका में राज्य सरकार को यह निर्देश दिये जाने का आग्रह किया गया था कि राज्य में और आवारा कुत्तों को नहीं मारा जाये।

सीतापुर में पिछले सात महीनों में 13 बच्चों की मौत हो चुकी हैं। याचिका में कहा गया है कि जांचों में इस ओर इशारा किया गया था कि बच्चों पर हमले वन्य जीवों ने किये है न कि कुत्तों ने।याचिका में दावा किया गया है,‘‘ कुछ दिनों में 150 से अधिक आवारा कुत्तों को न केवल स्थानीय लोगों ने मारा है बल्कि कुछ को ग्राम पंचायतों, पुलिस अधिकारियों के साथ साथ जिला प्रशासन के अधिकारियों के आदेशों पर भी मारा गया है।’’

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