अब इस देश ने खरीदा फ्रांस से राफेल, बढ़ सकती हैं कतर की मुश्किलें

Rafale
अंकित सिंह । Dec 4 2021 4:03PM

दूसरी ओर यूएई का पड़ोसी देश कतर पहले से ही 24 राफेल लड़ाकू विमान ऑपरेट कर रहा है। विशेषज्ञों की मानें तो यूएई और सऊदी अरब से कतर के संबंध वर्तमान में सामान्य नहीं है। ऐसे में यूएई की बढ़ती हवाई ताकत से कतर के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

वर्तमान समय में देखें तो किसी भी देश की वायु शक्ति को बढ़ाने में राफेल का बड़ा योगदान माना जा रहा है। फ्रांस के लड़ाकू फाइटर जेट राफेल की खूब खरीदारी हो रही है। भारत, मिस्र, क्रोएशिया और ग्रीस के बाद अब संयुक्त अरब अमीरात ने भी फ्रांस से राफेल लड़ाकू विमान खरीदें हैं। जानकारी के मुताबिक, यूएई फ्रांस से 80 राफेल लड़ाकू विमान खरीद रहा है। दोनों देशों के बीच में 80 लड़ाकू राफेल विमानों के लिए डील पक्की मानी जा रही है। तभी तो फ्रांस ने इसकी पुष्टि कर दी है। हालांकि अब तक यूएई की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। दूसरी ओर यूएई का पड़ोसी देश कतर पहले से ही 24 राफेल लड़ाकू विमान ऑपरेट कर रहा है। विशेषज्ञों की मानें तो यूएई और सऊदी अरब से कतर के संबंध वर्तमान में सामान्य नहीं है। ऐसे में यूएई की बढ़ती हवाई ताकत से कतर के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं। 

खाड़ी देशों के दौरे पर इमैन्युएल मैक्रों 

वर्तमान में देखें तो फ्रांस के राष्ट्रपति इमैन्युएल मैक्रों खाड़ी देशों के दौरे पर है। यूरोपीय संघ की अध्यक्षता ग्रहण करने के एक महीने पहले मैक्रों संयुक्त अरब अमीरात, कतर और सऊदी अरब के दौरे पर हैं। फ्रांस के रक्षा मंत्रालय ने इसे निर्यात के लिए सबसे बड़ा हथियार सौदा बताया है। 2022 में फ्रांस में राष्ट्रपति चुनाव भी होने वाले हैं जिसमें मैक्रों दूसरा कार्यकाल हासिल करने का प्रयास करेंगे। अमीरात को फ्रांस के लड़ाकू विमान बेचने के सौदे पर पेरिस और अबु धाबी के बीच करीब एक दशक से वार्ता चल रही थी और ऑस्ट्रेलिया द्वारा 12 फ्रांसीसी पनडुब्बियों का 66 अरब डॉलर का सौदा रद्द करने के बाद इस सौदे से फ्रांस के रक्षा उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।

2022 में फ्रांस में राष्ट्रपति चुनाव में होने वाले हैं। ऐसे में मैक्रों की कोशिश है कि उन्हें दूसरा कार्यकाल हासिल हो सके। जानकारों की मानें तो राफेल को लेकर दोनों देशों के बीच पिछले 1 साल से बातचीत चल रही थी। पेरिस और अबू धाबी के अधिकारी लगातार एक दूसरे से संपर्क में थे। इस सौदे से फ्रांस के रक्षा उद्योग को बढ़ावा मिलने के संकेत मिल रहे हैं। खबर के मुताबिक क्रोएशिया भी अपना हवाई क्षमता को बढ़ाने के लिए फ्रांस से 12 राफेल लड़ाकू विमान खरीद रहा है। राफेल लड़ाकू विमान की रेंज 37000 किलोमीटर तक की है और इसके साथ अलग-अलग मिसाइल भी ले जाए जा सकते हैं। इसके साथ ही राफेल की सबसे बड़ी खासियत यह भी है कि वह किसी भी मौसम में उड़ान भर सकता है। 

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