विवादित कोटिया इलाके में तेलुगू दिशासूचक दिखाई दिए, ओडिशा ने आपत्ति जतायी

Naveen Pattnaik
प्रतिरूप फोटो

कोटिया पंचायत के तहत आने वाले 28 गांवों में से 21 गांवों के स्वामित्व संबंधी विवाद पहली बार वर्ष 1968 में उच्चतम न्यायालय पहुंचा था। वर्ष 2006 में, शीर्ष अदालत ने कहा था कि अंतर-राज्यीय सीमाएं उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं आती हैं और केवल संसद ही इन्हें हल कर सकती है।

ओडिशा और आंध्र प्रदेश में जारी अंतर-राज्यीय सीमा विवाद के बीच कोटिया पंचायत क्षेत्र में तेलुगू वाले दिशासूचक दिखाई दिए हैं। दोनों ही राज्य इस क्षेत्र पर दावा करते हैं।

कोरापुट के जिलाधिकारी अब्दाल अख्तर ने कहा, सोमवार को चक्रवात गुलाब के प्रभाव में भारी बारिश के कारण कोटिया के तीन-चार गांवों से संपर्क टूट गया था। असामाजिक तत्वों ने स्थिति का फायदा उठाया और इस तरफ आकर तेलुगू में दो दिशासूचक लगा दिए।

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उन्होंने कहा, मंगलवार को एक टीम को मौके पर भेजा गया है जो रिपोर्ट सौंपेगी। कोटिया में हमारा लक्ष्य बहुत स्पष्ट है और वहां सभी विकास कार्य जारी रहेंगे। कोटिया के लोग ओडिशा सरकार के साथ पूरा सहयोग कर रहे हैं और विकास कार्यों से लाभ प्राप्त कर रहे हैं।

कोटिया पंचायत के तहत आने वाले 28 गांवों में से 21 गांवों के स्वामित्व संबंधी विवाद पहली बार वर्ष 1968 में उच्चतम न्यायालय पहुंचा था। वर्ष 2006 में, शीर्ष अदालत ने कहा था कि अंतर-राज्यीय सीमाएं उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं आती हैं और केवल संसद ही इन्हें हल कर सकती है।

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आंध्र प्रदेश ने हाल ही में कोटिया में हुए पंचायत चुनाव के परिणामों की घोषणा की थी। बीजद नेता देबी प्रसाद मिश्रा ने मंगलवार को कहा कि पंचायत चुनाव अमान्य थे और उसका कोई कानूनी वैधता नहीं थी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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