लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, रचनात्मक चर्चा और संवाद सभी समस्याओं का समाधान

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बिरला ने कहा कि लोकतांत्रिक चर्चा और संवाद से सभी संस्थानों चाहे पंचायती राज संस्थान हो या स्वायत्त जिला परिषद, जनता के मुद्दे के समाधान में मदद मिलती है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे देश में कई गांव, ग्राम पंचायतें हैं जिन्होंने अपनी भौगोलिक स्थितियों और सामाजिक-आर्थिक हालात के मुताबिक सर्वांगीण विकास के लिए आदर्श सामाजिक और आर्थिक मॉडल पेश किए हैं।’’ बिरला ने कहा, ‘‘यह हमारा प्रयास होना चाहिए कि सभी पंचायत और स्थानीय निकाय अपने ज्ञान, अनुभव और सर्वश्रेष्ठ तौर-तरीका साझा करने के लिए एक राष्ट्रव्यापी प्रणाली तैयार कर सकें।’’ उन्होंने कहा कि इस पर विचार होना चाहिए कि शिक्षा, स्वास्थ्य, जैविक खेती और रोजगार के क्षेत्र में सफल मॉडल का विभिन्न स्थितियों में किस तरह इस्तेमाल हो सकता है।
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संवददाताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा कि बजट सत्र आठ मार्च से फिर से शुरू होगा और आठ अप्रैल तक चलेगा। उन्होंने कहा कि 17 वीं लोकसभा के पहले सत्र में 125 प्रतिशत उत्पादकता रही और 35 विधेयक पारित किए गए। दूसरे सत्र की उत्पादकता 115 प्रतिशत रही और 28 विधेयक पारित किए गए और तीसरे सत्र की उत्पादकता 117 प्रतिशत रही। उन्होंने कहा कि महामारी के बीच आयोजित चौथे सत्र में संवैधानिक दायित्वों का निर्वहन करते हुए सभी सदस्य सदन की कार्यवाही में शामिल हुए। मेघालय के दो दिवसीय दौरे के दौरान बिरला ने मेघालय विधानसभा के सदस्यों को भी संबोधित किया।