J&K में सरकार बनाने की भाजपा की कोशिशों पर उमर ने जेटली से मांगा जवाब
उमर ने कहा कि राज्य में सरकार गठन में पीडीपी का समर्थन करने में नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) की गंभीरता पर टिप्पणी करने के बजाय उन्हें इस सिलसिले में अपनी पार्टी की कोशिश पर स्पष्टीकरण देना चाहिए।
श्रीनगर। नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली को जम्मू कश्मीर में ‘‘प्रॉक्सी’’ और दलबदलू विधायकों के जरिए सरकार बनाने की भाजपा की कोशिश के बारे में स्पष्टीकरण देना चाहिए। उमर ने कहा कि राज्य में सरकार गठन में पीडीपी का समर्थन करने में नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) की गंभीरता पर टिप्पणी करने के बजाय उन्हें इस सिलसिले में अपनी पार्टी की कोशिश पर स्पष्टीकरण देना चाहिए।
Jaitley Sb would be well advised to explain his party’s attempt to form a government with proxies & defectors rather than waxing eloquent about things he knows nothing about. That’s provided anyone has the courage to ask him questions that aren’t tee’d up ready for him to hit. https://t.co/XEPFajjjGZ
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) November 30, 2018
उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘‘ जेटली को ‘प्रॉक्सी’ और दलबदलू विधायकों के जरिए सरकार बनाने की अपनी पार्टी (भाजपा) की कोशिश के बारे में स्पष्टीकरण देना चाहिए, ना कि उन विषयों पर बोलना चाहिए जिनके बारे में वह कुछ नहीं जानते।’’ राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ने एक निजी समाचार चैनल को दिए जेटली के साक्षात्कार पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए यह बात कही। दरअसल, केंद्रीय मंत्री जेटली ने आरोप लगाया था कि पीडीपी ने एक गंभीर सरकार बनाने में कभी रूचि नहीं ली।
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उमर ने कहा कि कश्मीर का वर्चस्व खत्म करने का वादा कर जम्मू में भावनाओं का अपने लिए इस्तेमाल करने के बाद उन्होंने (भाजपा ने) अपने 25 विधायकों के साथ कश्मीर घाटी के सिर्फ दो विधायकों वाली एक पार्टी के प्रति प्रतिबद्धता दिखाई।
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नेकां के उपाध्यक्ष ने पीपुल्स कांफ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद गनी लोन का जिक्र करते हुए यह बात कही, जिन्होंने 21 नवंबर को भाजपा के 25 विधायकों और 18 अन्य अनाम विधायकों के समर्थन से सरकार बनाने का दावा पेश किया था। वहीं, पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने भी नेकां और कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाने का दावा पेश किया था लेकिन राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने राज्य विधानसभा भंग करने का फैसला किया।
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