सिख दंगों पर शाह ने साधा कांग्रेस पर निशाना, कहा- प्रभावित की गई थी न्यायिक प्रक्रिया

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[email protected] । Dec 19 2018 3:39PM

शाह ने यहां रिपब्लिक समिट में कहा, ‘‘न्यायिक प्रक्रिया प्रभावित की गई जिसकी वजह से 1984 के सिख विरोधी दंगों में किसी को दोषी नहीं ठहराया जा सका था। इसके कारण घटना के 34 साल बाद भी लोगों में गुस्सा था।’’

मुंबई। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने बुधवार को कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि न्यायिक प्रक्रिया ‘प्रभावित’ की गई जिसकी वजह से 1984 के सिख विरोधी दंगों में इतने लंबे समय तक किसी को दोषी करार नहीं दिया जा सका। दिल्ली उच्च न्यायालय ने सिख विरोधी दंगों के एक मामले में सोमवार को कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई। सिख विरोधी दंगों के मामले में किसी आरोपी को दोषी करार दिए जाने का यह पहला मामला है। इन दंगों में 2,700 से ज्यादा लोग मारे गए थे। 

शाह ने यहां रिपब्लिक समिट में कहा, ‘‘न्यायिक प्रक्रिया प्रभावित की गई जिसकी वजह से 1984 के सिख विरोधी दंगों में किसी को दोषी नहीं ठहराया जा सका था। इसके कारण घटना के 34 साल बाद भी लोगों में गुस्सा था।’’ उन्होंने कहा कि राजग सरकार ने 2014 में सत्ता में आने के बाद एक अन्य एसआईटी गठित की थी और इसी के निष्कर्षों के अनुसार आरोपियों को दोषी करार दिया जा रहा है। शाह ने कहा, ‘‘यह (सज्जन कुमार) चौथा फैसला है।’’ उन्होंने कहा कि मिश्रा आयोग और नानावटी आयोग गठित होने के बाद भी पुलिस ने किसी मामले में ठीक से जांच नहीं की। दंगों के दौरान कांग्रेस नेता कमलनाथ (मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री) को सिखों के खिलाफ निकाले गए मार्च की अगुवाई करते देखने के एक पत्रकार के दावे पर शाह ने कहा, ‘‘इसे कई लोगों ने देखा है। एसआईटी 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े सभी मामले की जांच कर रही है।’’ 

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भाजपा नेता ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि हमने जो एसआईटी बनाई है वह 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामलों को उसके तार्किक अंजाम तक पहुंचाएगी। और हमने एसआईटी को अधिकार संपन्न बनाने के सारे प्रावधान किए हैं।’’ यह पूछे जाने पर कि राम मंदिर मुद्दे पर चल रही कानूनी लड़ाई कब तक खत्म होने के आसार हैं, इस पर भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘यदि उच्चतम न्यायालय बाबरी विध्वंस केस की रोजाना सुनवाई करता है तो फैसला आने में 10 दिन से ज्यादा का वक्त नहीं लगेगा।’’ शाह ने कहा, ‘‘अयोध्या दरअसल जमीन के मालिकाना हक का मुद्दा है। भाजपा साफ तौर पर कहती है कि हम उसी जमीन पर एक मंदिर बनाना चाहते हैं। यह मामला उच्चतम न्यायालय में 2014 से पहले से लंबित है। हमने अदालत से अनुरोध किया है कि केस का निपटारा करे, जल्द से जल्द अपनी सुनवाई पूरी करे।’’ 

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