तीन भाषा नीति के नाम पर दूसरों पर कोई भाषा नहीं थोपी जानी चाहिए: कुमास्वामी
तमिलनाडु की द्रमुक सहित अन्य विपक्षी पार्टियों ने इस कदम का सख्त विरोध किया है। इस बीच, बेंगलुरू दक्षिण से भाजपा के नवनिर्वाचित सांसद तेजस्वी सूर्या ने हिंदी के विरोध को भारत को तोड़ने वाली ताकतों की हरकत बताया। सूर्या ने ट्वीट कर कहा कि लोग इन ताकतों को नहीं जीतने देंगे।
बेंगलुरू। गैर-हिंदी भाषी राज्यों में हिंदी के शिक्षण के लिए एक प्रस्ताव का विरोध करने वालों में शामिल होते हुए कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने रविवार को कहा कि तीन-भाषा फार्मूले के नाम पर दूसरों पर कोई भाषा नहीं थोपी जानी चाहिए। कुमारस्वामी ने ट्वीट किया, ‘‘मैं इस बात से अवगत हूं । एचआरडी मंत्रालय ने कल (नयी) शिक्षा नीति का मसौदा जारी किया है। तीन भाषा नीति के नाम पर किसी भी वजह से दूसरों पर कोई भाषा नहीं थोपी जानी चाहिए। इस मुद्दे पर और अधिक सूचना मिलने पर केंद्र को राज्य सरकारों के रूख का पता चलेगा।’’
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गौरतलब है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की नयी शिक्षा नीति के मसौदे में गैर हिंदी भाषी राज्यों में हिंदी पढ़ाए जाने का सुझाव दिया गया है। तमिलनाडु की द्रमुक सहित अन्य विपक्षी पार्टियों ने इस कदम का सख्त विरोध किया है। इस बीच, बेंगलुरू दक्षिण से भाजपा के नवनिर्वाचित सांसद तेजस्वी सूर्या ने हिंदी के विरोध को भारत को तोड़ने वाली ताकतों की हरकत बताया। सूर्या ने ट्वीट कर कहा कि लोग इन ताकतों को नहीं जीतने देंगे।
ನಿನ್ನೆ @HRDMinistry ರವರು ಹೊರಡಿಸಿದ ಶಿಕ್ಷಣ ಕರಡು ಕಾರ್ಯನೀತಿಯಲ್ಲಿ ಹಿಂದಿ ಹೇರಿಕೆಯ ಬಗ್ಗೆ ನನ್ನ ಗಮನಕ್ಕೆ ಬಂದಿದೆ.
— H D Kumaraswamy (@hd_kumaraswamy) June 2, 2019
3-ಭಾಷಾ ಸೂತ್ರದ ಹೆಸರಿನಲ್ಲಿ ಒಂದು ಭಾಷೆಯನ್ನು ಇತರರ ಮೇಲೆ ಯಾವ ಕಾರಣಕ್ಕೂ ಹೇರಬಾರದು.
ಇದರ ಬಗ್ಗೆ ಹೆಚ್ಚಿನ ಮಾಹಿತಿ ಪಡೆದು ರಾಜ್ಯ ಸರ್ಕಾರದ ನಿಲುವನ್ನು ಕೇಂದ್ರಕ್ಕೆ ತಿಳಿಸಲಾಗುವುದು.#HindiImposition
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