किसानों की एकजुटता ही उन्हें न्याय दिला सकती है: किसान मंच
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राष्ट्रीय किसान मंच के बैनर तले हुए किसान अधिवेशन में आज किसानों ने केन्द्र व राज्य सरकारों को चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों को स्वीकार नहीं किया गया तो किसान आने वाले चुनाव में देश की सत्ता को बदलने का काम करेगा।
लखनऊ। राष्ट्रीय किसान मंच के बैनर तले हुए किसान अधिवेशन में आज किसानों ने केन्द्र व राज्य सरकारों को चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों को स्वीकार नहीं किया गया तो किसान आने वाले चुनाव में देश की सत्ता को बदलने का काम करेगा। राष्ट्रीय किसान मंच का राष्ट्रीय अधिवेशन आज रवीन्द्रालय में हुआ, जिसमें देश भर के विभिन्न किसान संगठनों ने किसान समस्याओं को लेकर लामबंद होने की बात कही।
सम्मेलन के बाद जारी एक बयान में राष्ट्रीय किसान मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष शेखर दीक्षित ने कहा कि सरकारों ने किसानों को अपनी नीतियों के चलते बद से बदतर हालत में ला दिया है। आज किसान आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो रहा है। ऐसे में सरकारों को सोचना चाहिए कि जब किसान ही नहीं रहेगा तो लोगों के लिए अन्न कौन पैदा करेगा? दीक्षित ने कहा कि किसानों के हालात सुधारने के लिए किसानों को निर्णय लेने की प्रक्रिया में भागीदार बनाए जाने की जरूरत है। इसके लिए संवैधानिक किसान आयोग का गठन किया जाना चाहिए तथा किसानों को उसका सदस्य बनाया जाना चाहिए। जब आयोग संवैधानिक रूप से गठित होगा तो उसके निर्णय भी सरकार के लिए बाध्यकारी होंगे तथा यह किसानों के बेहतर भविष्य के द्वार खोलेगा।
उन्होंने कहा कि सरकार को किसानों के भविष्य को सुरक्षित बनाने का भी इंतजाम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसान विकास विरोधी नहीं है पर अधिग्रहण की प्रक्रिया तर्कसंगत होनी चाहिए तथा किसान को नुकसान नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि उद्योगपतियों के लिए पलक पांवडे़ बिछाने वाली सरकारों ने व्यापार के लिए तो सिंगल विन्डो की व्यवस्था कर दी लेकिन किसानों को नलकूप के कनेक्शन के लिए दर-दर भटकने को छोड़ दिया है। उन्होंने मांग की कि उद्यमियों की तर्ज पर ही किसानों के लिए भी सिंगल विन्डो की व्यवस्था की जाए।
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