J&K में सीजफायर खत्म, आतंकवादियों के खिलाफ फिर शुरू होगा ऑपरेशन ऑल आउट
जम्मू-कश्मीर में आज एकतरफा सीजफायर खत्म कर दिया गया है जिसके बाद आज से आतंकवादियों के खिलाफ फिर शुरू होगा ऑपरेशन ऑल आउट हो जाएगा।
नयी दिल्ली। केंद्र सरकार ने रमजान के महीने के दौरान जम्मू - कश्मीर में आतंकवादी संगठनों के खिलाफ अभियानों पर लगाई गई रोक को खत्म करने का ऐलान करते हुए सुरक्षा बलों को निर्देश दिया कि वे ‘‘सभी जरूरी कार्रवाई’’ करें जिससे आतंकवादियों को हमले और हिंसा करने से रोका जाए। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ‘‘सुरक्षा बलों को निर्देश दिया जाता है कि वह पहले की तरह सभी जरूरी कार्रवाई करें ताकि आतंकवादियों को हमले और हिंसा करने और हत्याएं करने से रोका जाए।’’ राजनाथ ने साफ किया कि सरकार राज्य में आतंक एवं हिंसा मुक्त माहौल बनाने का अपना प्रयास जारी रखेगी। उन्होंने कहा, ‘‘यह जरूरी है कि शांतिप्रिय लोगों का हर तबका एक साथ आए ताकि आतंकवादियों को अलग-थलग कर उन्हें शांति की राह पर लौटने के लिए प्रेरित किया जा सके जो गुमराह किए गए हैं।’’
केंद्र सरकार ने 17 मई को निर्णय लिया था कि रमजान के दौरान जम्मू - कश्मीर में सुरक्षा बल आतंकवादियों के खिलाफ अभियान नहीं चलाएंगे। सरकार ने कहा था कि राज्य के शांतिप्रिय लोगों के हित में यह फैसला किया गया था ताकि रमजान के महीने में उन्हें अच्छा माहौल मिले। राजनाथ ने उकसावे के बावजूद फैसले को अक्षरश : लागू कराने के लिए सुरक्षा बलों की तारीफ की। उन्होंने कहा, ‘‘जम्मू - कश्मीर सहित देश भर के लोगों ने इसकी काफी तारीफ की और इससे आम नागरिकों को बड़ी राहत मिली। ’’ उन्होंने कहा कि यह उम्मीद की जा रही थी कि इस पहल की सफलता सुनिश्चित करने के लिए हर कोई सहयोग करेगा। गृह मंत्री ने कहा, ‘‘इस दौरान सुरक्षा बलों ने उदाहरणीय संयम बरता जबकि आतंकवादियों ने नागरिकों और सुरक्षा बलों पर अपने हमले जारी रखे , जिसमें कई लोगों की जान गई और कई लोग घायल हुए।’’
अधिकारियों के मुताबिक, इस साल 17 अप्रैल और 17 मई के बीच आतंकवाद की 18 घटनाएं हुई हैं और अभियान पर रोक के दौरान यह आंकड़ा 50 के ऊपर चला गया। उन्होंने कहा कि अभियान पर रोक के दौरान आतंकवादियों ने एक सैनिक की जघन्य हत्या कर दी , उदारवादी रवैया अपनाने वाले आम नागरिकों पर हमले किए और आखिरकार जानेमाने पत्रकार शुजात बुखारी की गोली मारकर हत्या कर दी जो शांति की एक सशक्त आवाज थे। सुरक्षा एजेंसियों ने सरकार को 28 जून से शुरू होने जा रही अमरनाथ यात्रा को बाधित करने के कुछ आतंकवादी संगठनों के मंसूबों के बारे में सतर्क किया था और दक्षिण कश्मीर में कुछ अभियान चलाने की जरूरत बताई थी। पीएमओ में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, ‘‘हमें फैसले को सही भावना से देखने की जरूरत है। गृह मंत्रालय ने सभी उपलब्ध सूचनाओं पर गौर करके फैसला किया है कि एक महीने तक अभियान पर लगी रोक को अब आगे नहीं बढ़ाया जाएगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि हम सबके लिए तात्कालिक प्राथमिकता शांतिपूर्ण एवं सफल तरीके से अमरनाथ यात्रा का संचालन करना है और इसके लिए न सिर्फ सरकार बल्कि सिविल सोसाइटी को सहयोग करना होगा और हमें सुनिश्चित करना होगा कि ऐसा कुछ भी नहीं हो जिससे अमरनाथ यात्रा बाधित हो और श्रद्धालू हतोत्साहित हों।’’ जम्मू - कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने प्रदेश भाजपा के नेताओं पर निशाना साधा जो एकतरफा संघर्षविराम को लेकर काफी मुखर थे। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘यह केंद्र की पहल थी और फिर भी यह लोग इसकी नाकामी का जश्न मना रहे हैं, जैसे इसका ऐलान हमारे दुश्मनों ने किया था।’’ उमर ने कहा, ‘‘ इसकी नाकामी हर उस शख्स की नाकामी है जो शांति को एक मौका देना चाहता था।’’ माकपा नेता एवं विधायक मोहम्मद यूसुफ तारीगामी ने इसे गंवाया हुआ मौका करार दिया और अफसोस जाहिर किया कि केंद्र को एकतरफा संघर्षविराम वापस लेना पड़ा।
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