EVM पर विपक्ष फिर हमलावर, 21 दल करेंगे SC का रुख

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अभिनय आकाश । Apr 15 2019 12:11PM

दिल्ली में आयोजित कांफ्रेस में आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ईवीएम मशीनों से छेड़छाड़ की गई है। इन मशीनों को इस तरह डिजाइन किया गया है कि वोट सिर्फ भाजपा को जाता है।

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2019 के पहले चरण के मतदान के बाद ही ईवीएम का जिन्न एक बार फिर से बोतल से बाहर आ गया है। विपक्षी पार्टियां एक बार फिर इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन के खिलाफ गोलबंद हो गई है और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर शिकायत करने की तैयारी में है। इससे पहले कांग्रेस, आप, टीडीपी, एसपी, सीपीआई, सीपीआई (एम) समेत विपक्षी दलों की बैठक में लोकतंत्र बचाओ बैनर के तले प्रेस कांफ्रेंस कर ईवीएम को लेकर गंभीर आरोप लगाए और मामले में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की घोषणा की। विपक्षी दलों के नेताओं ने कहा है कि पहले चरण के मतदान में ईवीएम की ढेर सारी गड़बड़ियों का पता चला है। उन्होंने सीधे चुनाव आयोग पर आरोप लगाया और कहा कि आयोग ईवीएम की गड़बड़ियों की शिकायत पर ध्यान नहीं दे रहा है। 

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मुख्य चुनाव आयुक्त से मिले नायडू

टीडीपी अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्र बाबू नायडू ने कहा कि 21 राजनीतिक दल 50 फीसदी वीवीपैट पर्चियों का मिलान ईवीएम से कराए जाने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा से मिले थे और ईवीएम में गडबड़ी का मामला उठाया था। 

सुप्रीम कोर्ट जाएगी कांग्रेस 

कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि लोगों से शिकायत मिली है कि उन्होंने जिस पार्टी को वोट दिया, वीवीपैट से निकली पर्ची पर उस दल का नाम नहीं था बल्कि किसी दूसरी पार्टी का नाम था। इससे साफ है कि ईवीएम से छेड़छाड़ हुई है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग का कहना है कि अगर वीवीपैट से निकली पर्चियां गिनते हैं, तो इसमें पांच दिन से अधिक वक्त लग सकता है। हमने चुनाव आयोग से कहा है कि वह अपनी टीम बढ़ाएं, क्योंकि इस काम में पांच दिन का वक्त नहीं लगना चाहिए। कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि हमें मतदाताओं पर पूरा विश्वास है पर ईवीएम पर नहीं है। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल इस मुद्दे पर जल्द ही सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेंगे। 

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केजरीवाल ने लगाए मशीनों से छेड़छाड़ के आरोप

दिल्ली में आयोजित कांफ्रेस में आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ईवीएम मशीनों से छेड़छाड़ की गई है। इन मशीनों को इस तरह डिजाइन किया गया है कि वोट सिर्फ भाजपा को जाता है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसा क्यों होता कि जिन मशीनों में खराबी की शिकायत आती है, उसमें वोट भाजपा को ही क्यों जाते हैं। उन्होंने कहा कि वह खुद इंजीनियर हैं। इन मशीनों में कुछ गडबड़ जरूर है। 

सुप्रीम कोर्ट का निर्देश क्या है?

पहले भी विपक्षी दल सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके ऐसी मांग उठा चुके हैं। तब कोर्ट को बताया गया था कि 50 फीसदी ईवीएम का पर्ची से मिलान किया जाता है तो लोकसभा चुनाव के नतीजे आने में कई घंटे की देरी हो सकती है। इस दलील को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 8 अप्रैल को आयोग को निर्देश दिया था कि एक के बजाय हर लोकसभा क्षेत्र में आने वाले सभी विधानसभा क्षेत्रों के किन्हीं पांच बूथों के वोटों का मिलान किया जाए। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि चुनाव प्रक्रिया को सटीक और भरोसेमंद बनाने के लिए ऐसा किया जा रहा है। 

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क्या है वीवीपैट ?

वोटर जब ईवीएम के जरिए वोट करता है तो वीवीपैट यानी 'वोटर वैरिफायबल पेपर ऑडिट ट्रेल' पर उस उम्मीदवार का नाम और पार्टी का चुनाव चिन्ह एक पर्ची पर प्रिंट हो जाता है। ये पर्ची 7 सेकंड तक वोटर को वीवीपैट पर दिखाई देती है। इसके बाद मशीन में ही सुरक्षित जमा हो जाती है।

भाजपा ने किया पलटवार 

भाजपा नेता जीवीएल नरसिम्हा ने विपक्षी दलों की बैठक पर पलटवार करते हुए कहा कि तथाकथित गठबंधन को हार का डर सता रहा है। दिल्ली में जो तथाकथित विपक्षी दलों की बैठक हुई है वह महागठबंधन की हार स्वीकार करने वाली बैठक है उन्होंने कहा कि यह साफ है कि महागठबंधन के पास न तो कई गर्वनेंस का अजेंडा है और न लोगों को बताने के लिए कोई लीडरशिप है।

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