विपक्ष का सरकार पर हमला- ''जुमलों से कम नहीं होंगे दाम''
राज्यसभा में आज विपक्ष ने खाद्य वस्तुओं की बढ़ती कीमतों को लेकर सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि केवल जुमलों से बढ़े हुए दाम कम नहीं होंगे।
राज्यसभा में आज विपक्ष ने खाद्य वस्तुओं की बढ़ती कीमतों को लेकर सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि केवल जुमलों से बढ़े हुए दाम कम नहीं होंगे तथा सरकार को इस दिशा में ठोस उपाय करने चाहिए। साथ ही विपक्षी दलों ने कच्चे तेल के अंतरराष्ट्रीय मूल्यों में आयी गिरावट का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाने की आवश्यकता पर बल दिया। तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओब्रायन ने देश में मूल्यवृद्धि के कारण उत्पन्न स्थिति पर अल्पकालिक चर्चा की शुरूआत करते हुए कहा कि दाल, सब्जी सहित खुदरा मुद्रास्फीति में 21 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि आज यह स्थिति है कि भारत में शाकाहारी होना महंगा है। मछली, अण्डे आदि की कीमतें अपेक्षाकृत स्थिर हैं।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की किस्मत अच्छी रही है क्योंकि कच्चे तेल के अंतरराष्ट्रीय कीमतों में काफी गिरावट आयी है। किन्तु उसका पूरा लाभ देश के उपभोक्ताआों तक नहीं पहुंचाया गया। तृणमूल कांग्रेस के नेता ने कहा कि सरकार दालें तथा अन्य चीजें अफ्रीका आदि देशों से मंगवा रही है। उन्होंने कहा कि हम अफ्रीकी देशों से आयात का विरोध नहीं कर रहे किन्तु सरकार को पड़ोसी देशों से भी आयात करना चाहिए। डेरेक ने देश के विभिन्न राज्यों के 40 प्रमुख बाजारों में खाद्य वस्तुओं के मूल्यों का एक विवरण सदन के पटल पर रखा। उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि देश में महंगाई लगातार बढ़ रही है तथा सरकार इसे नियंत्रित करने में विफल रही है। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार अच्छे दिन लाने का वादा करके सत्ता में आयी है किन्तु आम आदमी तक अच्छे दिनों का लाभ नहीं पहुंचा है।
कांग्रेस की रजनी पाटिल ने कहा कि आज एक तरफ आसमान छूती महंगाई है तो दूसरी तरफ सरकार इसे रोकने के लिए कुछ भी नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर छोटे बड़े मुद्दे पर ट्विटर पर ट्वीट करते हैं किन्तु महंगाई के मुद्दे पर उन्होंने अभी तक एक भी ट्वीट नहीं किया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह ‘‘स्लोगनबाज’’ सरकार है। उन्होंने कहा कि सरकार आम आदमी के लिए कोई प्रयास नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि देश में मराठवाड़ा जैसे कुछ क्षेत्र हैं जहां आज तक पानी नहीं बरसा है। वे सूखे से बेहाल हैं। सरकार को इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए फौरन कदम उठाने चाहिए। रजनी ने कहा कि सरकार ने मूल्य स्थिरीकरण कोष के गठन की दशा में अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। उन्होंने कहा कि यह सरकार केवल सपने दिखाना जानती है और इसे आम आदमी की कोई फिक्र नहीं है।
सरकार के महंगाई पर नियंत्रण करने में विफल रहने के विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए भाजपा के प्रभात झा ने कहा कि सरकार ने कई ऐसे कदम उठाए हैं जिससे कि खाद्य वस्तुओं की कीमतों में नियंत्रण पाने में मदद मिली है। झा ने कहा कि सरकार ने दालों के बफर स्टॉक को आठ लाख टन से बढ़ा कर 20 लाख टन कर दिया है। साथ ही वर्ष 2016-17 में सरकार ने 1.19 लाख टन दालों की किसानों से खरीद की है। उन्होंने कहा कि साथ ही राज्यों को दाल के लिए सब्सिडी दी जा रही है। सरकार के इन प्रयासों के चलते दालें पीडीएस के जरिये अपेक्षाकृत कम दामों पर उपलब्ध कराई जा रही हैं। भाजपा सदस्य ने आरोप लगाया कि विपक्ष महंगाई के नाम पर राजनीति कर रहा है। उन्होंने कहा ‘‘महंगाई का दर्द होना एक बात है और महंगाई पर राजनीति करना अलग बात है।’’ उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार के कार्यकाल में सब्जियों के दाम में 300 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
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