विपक्ष ने एनआरसी मुद्दे पर राष्ट्रपति से हस्तक्षेप की मांग की
प्रतिनिधिमंडल ने कोविंद को एक ज्ञापन सौंपकर सरकार पर राष्ट्र के लोकतांत्रिक एवं धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को कमतर करने का आरोप लगाया।
नयी दिल्ली। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और वामदल सहित विपक्षी दलों के प्रतिनिधिमंडल ने आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया कि असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) से एक भी भारतीय नागरिक को बाहर नहीं रखा जाए। प्रतिनिधिमंडल ने कोविंद को एक ज्ञापन सौंपकर सरकार पर राष्ट्र के लोकतांत्रिक एवं धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को कमतर करने का आरोप लगाया।
उन्होंने आरोप लगाया कि मसौदा एनआरसी में 40 लाख भारतीय सूची से बाहर हो गये हैं।उन्होंने दावा किया कि एनआरसी में 40 लाख से अधिक भारतीय नागरिक बाहर हो गये हैं जिसमें बंगाली, असमिया, राजस्थानी, मारवाड़ी, बिहारी, गोरखा, पंजाबी और उत्तर प्रदेश, दक्षिणी राज्यों के लोग और आदिवासी शामिल हैं जो लंबे वक्त से असम के निवासी हैं।उन्होंने आरोप लगाया कि एनआरसी 2018 वर्तमान सरकार द्वारा संविधान, संसद, न्यायपालिका और मीडिया जैसे देश के महान संस्थानों को धमकाने और बर्बाद करने का प्रयास है।
इसमें कहा गया, ‘‘इन महान संस्थानों के संरक्षक के रूप में, हम आपसे यह सुनिश्चित करने की अपील और अनुरोध करते हैं कि एक भी भारतीय नागरिक असम में एनआसी सूची से बाहर नहीं हो।’’ इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस के आनंद शर्मा, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय, माकपा के मोहम्मद सलीम, जेडीएस के एच डी देवगौड़ा, तेदेपा के वाई एस चौधरी और आप के संजय सिंह सहित अन्य शामिल थे।
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