चिदंबरम के परिजनों के खिलाफ मुकदमे की मंजूरी से जुड़ा आईटी का आदेश रद्द

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[email protected] । Nov 2 2018 3:10PM

चिदंबरम के परिवार के खिलाफ आईटी विभाग द्वारा शुरू किये गये आपराधिक मुकदमे को चुनौती देते हुए रिट याचिका दायर की गयी थी।

चेन्नई। मद्रास उच्च न्यायालय ने काले धन के एक मामले में पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी. चिदंबरम के परिवार के सदस्यों के खिलाफ आपराधिक मुकदमे की मंजूरी देने संबंधी आयकर (आईटी) विभाग का आदेश शुक्रवार को रद्द कर दिया। चिदंबरम की पत्नी नलिनी, उनके पुत्र कार्ति और पुत्रवधु श्रीनिधि की याचिका जब न्यायमूर्ति एस. मणिकुमार और न्यामूर्ति सुब्रमणिया प्रसाद की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिये आयी तो पीठ ने कहा कि इस संबंध में कोई मामला नहीं बनता और आपराधिक मुकदमा रद्द किया जाता है।

चिदंबरम के परिवार के खिलाफ आईटी विभाग द्वारा शुरू किये गये आपराधिक मुकदमे को चुनौती देते हुए रिट याचिका दायर की गयी थी। उच्च न्यायालय ने 12 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान विदेशी संपत्ति को ‘गोपनीय’ रखने के मामले में चिदंबरम के परिवार को यहां विशेष अदालत में पेशी से छूट वाले अंतरिम आदेश की अवधि शुक्रवार तक बढ़ा दी थी। यह मामला विदेशी संपत्ति और इन तीनों के बैंक खातों के बारे में जानकारी कथित तौर पर गोपनीय रखने से जुड़ा है।

आईटी विभाग के अनुसार तीनों ने ब्रिटेन के कैम्ब्रिज में 5.37 करोड़ रुपये की अपनी संयुक्त संपत्ति का खुलासा नहीं किया था जो काला धन (अघोषित विदेशी आय एवं संपत्ति) एवं कर धोखाधड़ी अधिनियम के तहत एक अपराध है। विभाग ने यह भी आरोप लगाया कि कार्ति चिदंबरम ने ब्रिटेन के मेट्रो बैंक में अपने विदेशी बैंक खातों और अमेरिका में नैनो होल्डिंग्स एलएलसी में निवेश का खुलासा नहीं किया।

विशेष अदालत में मई में दायर अपनी शिकायत में विभाग ने यह भी कहा था कि कार्ति ने अपने सह-स्वामित्व वाली कंपनी चेस ग्लोबल एडवाजरी में निवेशों का भी खुलासा नहीं किया जो काला धन अधिनियम के तहत एक अपराध है।अभियोजन पक्ष के आरोपों को चुनौती देते हुये इन तीनों ने उच्च न्यायालय में अपील दायर की थी क्योंकि एकल न्यायाधीश की पीठ के उन्हें कोई राहत देने से इंकार कर दिया था। 

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