काव्य कौशल को मंच देने के लिए कानपुर सेशन ओपन माइक का आयोजन
कानपुर में पहले संस्करण की अपार सफलता के बाद, ''द राइटर्स हब'' ने 22 अप्रैल 2018 को अपना कानपुर सेशन ओपन माइक का दूसरा संस्करण आयोजित किया।
कानपुर में पहले संस्करण की अपार सफलता के बाद, 'द राइटर्स हब' ने 22 अप्रैल 2018 को अपना कानपुर सेशन ओपन माइक का दूसरा संस्करण आयोजित किया। शहर में ऐसे अनेक युवा प्रतिभाशाली कलमकार है, जिन्हें सोशल मीडिया के अलावा, कोई असल मंच प्राप्त नहीं हो पाता। द राइटर्स हब के फाउंडर अनन्य शर्मा ने इसी सकारात्मक सोच के साथ एक कदम बढ़ाया। ओपन माइक जैसे साहित्यिक कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य, युवाओं के भीतर छिपे काव्य कौशल को एक मंच देना और उनका आत्मविश्वास बढ़ाना है व युवा मन में साहित्य प्रेम को बढ़ावा देना है। कार्यक्रम में कानपुर के सुप्रसिद्ध कवि अविनाश अवस्थी जी को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया।
अनुभवी व नये युवा मिलाकर 20 प्रतिभागियों ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया, जिसमे कविता, गीत, नज्म, शायरी, स्टोरी टेलिंग जैसी प्रतिभायें देखने को मिली। माँ सरस्वती का मार्ल्यापण के बाद अमिता गौतम जी ने अपने मधुर कंठ से सरस्वती वंदना के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इसके बाद, कवयित्री शिखा सिंह जी नें "निर्दोष की विडंबना, कलंक लगता याल है" पढ़कर, देश में हो रहे अनगिनत बलात्कार पर तीखा प्रहार किया साथ ही साथ उन्होंने काव्य कला के माध्यम से विभिन्न कानूनी धाराओं से परिचित कराया।
चौधरी योगी जी ने 'सनातन धर्म के आगे, ब्रह्मांड भी सिर झुकाता है। सुबह शाम सूरज को देखो भगवा ओढ़ के आता है', राम गोपाल अवस्थी जी ने "मुस्कान तुम्हारी गोली है, यू न अदा दिखाकर हँसा करो" कमल दोहरे ने 'भारत देश है घायल बैठा, सत्ता के रखवालो से, राजनीति अब खेल रही है, मंदिर मस्जिद वालो से" से काव्य पाठ किया। पहली बार मंच में प्रस्तुतिकरण कर रही डॉ. राज कुमारी जी 'वो था तो मेरा, पर शायद मेरा नहीं, ख़्वाब ही था, उसका कोई चेहरा नहीं" पढ़कर, सबका हृदय मोह लिया। शिखर राज गुप्ता नें "जहां मीरा ने प्रेम की, नई परिभाषा का पैगाम दिया" "कलिंगा की टूटि चूड़ियों ने, अशोक का हृदय परिवर्तन किया" कविता पढ़कर नारी-त्याग के इतिहास के पन्नों को पलट कर संस्मरण ताजा किये।
कृष्ण कुमार पांडेय, ऑक्सफ़ोर्ड पब्लिक स्कूल से प्रज्ञा गौर, आशीष, अमर साहू, पूर्णिमा खरे, शिवम कुशवाहा, अमरेंद्र पांडेय, आदित्य कृष्णा, अमिता गौतम, संतोषी दीक्षित,शेखर शुक्ला, दिव्यांशु कश्यप, अशरफुल हुसैन आदि प्रतिभागियों ने भी अपना उत्कृष्ट काव्य कला का परिचय दिया। शाम शायराना और माहौल आशिक़ाना करने में प्रतिभागियों व श्रोताओं ने कोई कमी नहीं छोड़ी। मुख्य अतिथि अविनाश त्रिपाठी जी नें "कली है गुलाब की, हमें खिलने तो दो, उसकी महक को फैलने तो दो' कविता पढ़कर, अपना साहित्यिक अनुभव साँझा किया।
अंत में, बायोलॉजी ट्रंक के शिक्षक राम गोपाल जी ने साहित्य के संदर्भ में कुछ मुख्य बिंदु प्रस्तुत कर, युवाओ को संबोधित करा।, कार्यक्रम का समापन किया। हिंदी काव्य संगम के शेखर शुक्ला जी का अहम सहयोग मिला, उन्होंने अपने पेज के माध्यम से, 3000 से अधिक लेखकों व पाठकों के समक्ष कार्यक्रम का हिंदी काव्य संगम इंस्टाग्राम पेज़ पर ऑनलाइन प्रसारण किया। Uptti संस्थान के वी. वी. एस राठवी व शिखर राज गुप्ता ने कार्यक्रम का आयोजन किया तथा कार्यक्रम का संचालन भी शिखर राज गुप्ता जी नें कुशलता पूर्वक किया।
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