कम लागत में उत्पादकता को बढ़ावा देना हमारा लक्ष्य: प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस बार पेश किए गए अपनी सरकार के अंतिम पूर्ण बजट में कृषि संबंधी प्रस्तावों की सराहना करते हुए कहा कि किसानों के लिए ऋण सुविधा बढ़ने और बाजार तक माल पहुंचने में आसानी से उनकी आय को बढ़ाने में मदद मिलेगी।
नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस बार पेश किए गए अपनी सरकार के अंतिम पूर्ण बजट में कृषि संबंधी प्रस्तावों की सराहना करते हुए कहा कि किसानों के लिए ऋण सुविधा बढ़ने और बाजार तक माल पहुंचने में आसानी से उनकी आय को बढ़ाने में मदद मिलेगी। वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के विषय में यहां हो रहे सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि देश में केवल एक वर्ष में दलहन उत्पादन का स्तर 1.7 करोड़ टन से बढ़कर 2.3 करोड़ टन हो गया है।
मोदी ने लागत को कम करने, उत्पादकता को बढ़ाने और बर्बादी को कम करते हुए कृषि उत्पादों को बाजारों तक ले जाने के संदर्भ में उठाये गये कदमों का उल्लेख करते हुए कहा कि इन उपायों से किसानों की आय को बढ़ाने में मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि यूरिया को नीम लेपित करने से इस उर्वरक का असर तथा उत्पादकता को बढ़ाने में मदद मिली है और लागत में कमी आई है। उन्होंने कहा कि मिट्टी की ऊर्वरा शक्ति की जांच में सहायक मृदा स्वास्थ्य कार्ड से इस्तेमाल से उत्पादकता बढ़ी है और इससे लागत की भी बचत हुई है। उन्होंने कहा कि इस उपाय के कारण रासायनिक उर्वरक के इस्तेमाल में छह से 10 प्रतिशत की कमी और उत्पादकता में पांच से छह प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
मोदी ने कहा कि दो तीन दशकों से कम से कम ठप्प पड़ी 99 सिंचाई परियोजनायें निर्धारित समयसीमा के भीतर पूरी की जायेंगी और इसके लिए 80,000 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं। इनमें से आधी स्कीमों को इस वर्ष के अंत तक पूरा कर लिया जायेगा जबकि शेष को अगले वर्ष पूरा किया जायेगा।।वर्ष 2018-19 के बजट में कृषि आपूर्ति श्रृंखला को दुरुस्त करने के लिए ‘आपरेशन ग्रीन’ की घोषणा की है जो टमाटर, आलू और प्याज की खेती में मदद करेगा।।प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों को उत्पादन केन्द्र से पांच से 15 किमी के दायरे में कृषि मंडी की सुविधा प्रदान करने के लिए 22,000 ग्रामीण बाजारों को उन्नत बनाया जायेगा।
उन्होंने कहा कि सरकार किसानल उत्पादक संघों को प्रोत्साहित कर रही है। इसके अलावा कृषि ऋण के लक्ष्य को बढ़ाकर 11 लाख करोड़ रुपये किया गया है जो पहले आठ लाख करोड़ रुपये था।उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा को प्रोत्साहन देकर, खेती के कचरे का सदुपयोग तथा फसलों के अवशेष का आर्थिक इस्तेमाल वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने में मदद करेगा।।प्रधानमंत्री ने कहा कि इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए सरकार ने गन्ने से प्राप्त किये गये इथेनॉल के पेट्रोल में 10 प्रतिशत तक सम्मिश्रण करने को मंजूरी दी है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि फसल बीमा योजना के तहत 11,000 करोड़ रुपये के दावों का निपटान किया गया है जो पहले की तुलना में लगभग दोगुना है।
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