सत्ता से बाहर राहुल सैनिकों को याद करने के लिये मजबूर: भाजपा
एक रैंक एक पेंशन (ओआरओपी) के मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा सरकार पर निशाना साधने के बाद पलटवार करते हुए भारतीय जनता पार्टी ने शनिवार को कहा कि साढ़े चार सालों तक सत्ता से बाहर रहने के बाद कांग्रेस प्रमुख सैनिकों को याद करने के लिये बाध्य हैं।
नयी दिल्ली। एक रैंक एक पेंशन (ओआरओपी) के मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा सरकार पर निशाना साधने के बाद पलटवार करते हुए भारतीय जनता पार्टी ने शनिवार को कहा कि साढ़े चार सालों तक सत्ता से बाहर रहने के बाद कांग्रेस प्रमुख सैनिकों को याद करने के लिये बाध्य हैं। भाजपा के मीडिया प्रमुख और राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी ने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार जब 2004 से 2014 तक सत्ता में थी तो वह ‘‘भ्रष्टों के साथ खड़े’’ दिखे लेकिन सैनिकों के लिये कुछ नहीं किया।
उन्होंने कहा, ‘यह शर्मनाक है कि गांधी मोदी सरकार की आलोचना कर रहे हैं जिसने सैनिकों के लिये ओआरओपी योजना लागू की जबकि उन्होंने खुद उनके लिये कुछ नहीं किया। उन्होंने नये तरह की घटिया राजनीति शुरू की है।’ बलूनी ने कहा कि संप्रग के 10 सालों के शासन में राहुल यद्यपि सबसे शक्तिशाली शख्स थे लेकिन उन्होंने सैनिकों के लिये एक शब्द नहीं कहा। उन्होंने आरोप लगाया कि गांधी परिवार 40 सालों से ज्यादा समय तक सत्ता में रहा लेकिन सैनिकों के कल्याण के लिये कोई कदम नहीं उठाए।
राहुल गांधी ने शनिवार को पूर्व सैनिकों के एक समूह से कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार ओआरओपी मुद्दे पर पार्टी की तरफ से किये गए सभी वादों को पूरा करेगी। राफेल विमान का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने पूर्व रक्षाकर्मियों को बताया कि सरकार ने 30 हजार करोड़ उद्योगपति अनिल अंबानी को सौंप दिये लेकिन ओआरओपी पर सैनिकों की मांग मानने से इनकार कर दिया। कांग्रेस प्रमुख पर निशाना साधते हुए बलूनी ने कहा, ‘साढ़े चार सालों से सत्ता से बाहर चल रहे और भविष्य में कहीं उसकी संभावना नहीं देख रहे गांधी ने सैनिकों को याद करना शुरू कर दिया है।’
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