श्री श्री रविशंकर को शामिल करने पर ओवैसी ने जताया अफसोस
उन्होंने कहा, ‘‘जब वह मामले से जुड़े हुए हैं, जब उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि वह किस पक्ष के लिए बोलते हैं... यह दुखद है कि जो व्यक्ति निष्पक्ष नहीं है उसे उच्चतम न्यायालय की तरफ से नियुक्त किया गया है।’’
हैदराबाद। अयोध्या विवाद में उच्चतम न्यायालय की तरफ से नियुक्त समिति में श्री श्री रविशंकर को शामिल करने पर एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने शुक्रवार को कहा कि वह ‘‘निष्पक्ष व्यक्ति नहीं हैं।’’ उन्होंने दावा किया कि विगत में वह इस मुद्दे पर विवादास्पद बयान देते रहे हैं।
Sri Sri had threatened that India would become like Syria if Ram Mandir isn’t built. He’s asked Muslims to give up their legal claim over title of #BabriMasjid. How would he be a neutral mediator? #AyodhyaMediation pic.twitter.com/vxDdyLEjWT
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) March 8, 2019
ओवैसी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘रविशंकर ने अयोध्या मुद्दे पर चार नवम्बर 2018 को विवादास्पद बयान दिया था और धमकी दी थी कि विवादित जमीन पर अगर मुस्लिमों ने अपना दावा नहीं छोड़ा तो भारत, सीरिया की तरह हो जाएगा।’’ ओवैसी ने कहा कि उन्होंने कहा था कि मुस्लिमों को सद्भावना के तहत विवादित भूमि पर अपना दावा छोड़ देना चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि रविशंकर को अब इन सब बातों को छोड़कर निष्पक्ष व्यक्ति के तौर पर काम करना चाहिए।
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उन्होंने कहा, ‘‘जब वह मामले से जुड़े हुए हैं, जब उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि वह किस पक्ष के लिए बोलते हैं... यह दुखद है कि जो व्यक्ति निष्पक्ष नहीं है उसे उच्चतम न्यायालय की तरफ से नियुक्त किया गया है।’’ बहरहाल, मध्यस्थता के लिए अदालत के आदेश का ओवैसी ने स्वागत किया। उन्होंने कहा, ‘‘अपनी पार्टी की तरफ से मैं इस निर्णय का स्वागत करता हूं।’’
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