ओवैसी का योगी से सवाल, पूछा- कांवरियों पर फूल बरसे तो नमाज पर रोक क्यों?
पुलिस के आदेश की आलोचना करते हुए ओवैसी ने ट्वीट किया, ‘‘उप्र पुलिस ने कांवरियों पर एक तरह से गुलाब की पंखुड़ियों की बारिश की किंतु सप्ताह में एक बार नमाज का मतलब है कि शांति एवं भाईचारे में बाधा।
हैदराबाद। एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने नोएडा पुलिस के, स्थानीय उद्यान में जुमे की नमाज पढ़ने के खिलाफ जारी एक आदेश को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि वह कांवरियों पर तो गुलाब की पंखुड़ियां बरसा रही थी किंतु सार्वजनिक स्थलों पर प्रार्थना करने वाले मुस्लिम आस्तिकों को नोटिस जारी कर रही है। नोएडा में पुलिस ने अपने कार्य क्षेत्र में आने वाली 23 निजी फर्मों को हाल में नोटिस जारी कर उनसे कहा कि वे एक स्थानीय पार्क में जुमे की नमाज पढ़ने से अपने मुस्लिम कर्मचारियों को रोकें। जिला प्रशासन ने मंगलवार को कहा था कि सार्वजनिक स्थलों पर ‘अनधिकृत’ धार्मिक जमावड़े को अनुमति नहीं दी जाएगी।
UP Cops literally showered petals for Kanwariyas, but namaz once a week can mean “disrupting peace & harmony”. This is telling Muslims: aap kuch bhi karlo, ghalti to aapki hi hogi.
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) December 25, 2018
Also, by law, how does one hold an MNC liable for what their employees do in individual capacity? https://t.co/b90Jw5ZMHY
पुलिस के आदेश की आलोचना करते हुए ओवैसी ने ट्वीट किया, ‘‘उप्र पुलिस ने कांवरियों पर एक तरह से गुलाब की पंखुड़ियों की बारिश की किंतु सप्ताह में एक बार नमाज का मतलब है कि शांति एवं भाईचारे में बाधा।’’ आल इंडिया मजलिस ए इतेहाद उल मुस्लमीन (एआईएमआईएम) नेता ने कहा, ‘‘मुसलमानों से कहा जा रहा है: आप कुछ भी कर लो, गलती आप की ही होगी।’’।
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हैदराबाद के सांसद ने सवाल किया, ‘‘साथ ही कानून के तहत किसी एमएनसी को उनके कर्मचारी द्वारा वैयक्तिक क्षमता से किए जाने वाले काम के लिए कैसे जिम्मेदार ठहराया जा सकता है?’’ नोएडा के अधिकारियों ने 2009 के उच्चतम न्यायालय के एक आदेश का हवाला देते हुए कहा कि सभी समुदायों द्वारा सार्वजनिक स्थलों के धार्मिक गतिविधियों के अनधिकृत उपयोग पर स्पष्ट प्रतिबंध लगाया गया है।
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