ऑक्सीजन संकट: बत्रा अस्पताल में 12 मरीजों की मौत, अदालत की केंद्र को चेतावनी

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घटना पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट किया, ये खबर बहुत ही ज़्यादा पीड़ादायी है। इनकी जान बच सकती थी -समय पर ऑक्सीजन देकर। दिल्ली को उसके कोटे की ऑक्सीजन दी जाए। अपने लोगों की इस तरह होती मौतें अब और नहीं देखी जाती।

नयी दिल्ली। दिल्ली के बत्रा अस्पताल में रविवार को एक वरिष्ठ डॉक्टर सहित 12 लोगों की मौत ऑक्सीजन की कमी की वजह से हो गई जबकि कम से कम दो अस्पतालों ने ऑक्सीजन का भंडार चिंताजनक स्तर पर कम होने की सूचना दी है। वहीं दिल्ली उच्च न्यायलय ने मामले में हस्तक्षेप करते हुए केंद्र को निर्देश दिया कि वह शहर को आज से ही ऑक्सीजन मुहैया कराए या अवमानना का सामना करे। दक्षिण दिल्ली स्थित अस्पताल द्वारा 12 मरीजों की मौत की घोषणा- अस्पताल ने दोपहर 12 बजकर 30 मिनट पर बताया कि अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म हो गया था- के साथ गत आठ दिनों में विभिन्न अस्पतालों में ऑक्सीजन से जान गंवाने वालों की संख्या 57 हो गई है। न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने कहा, ‘‘सिर के ऊपर से काफी पानी गुजर चुका है। अब हमें काम से मतलब है। बस बहुत हो गया।’’ पीठ ने केंद्र से कहा कि वह दिल्ली को आज ही 490 मीट्रिक टन आवंटित ऑक्सीजन मुहैया कराए या फिर अवमानना कार्रवाई का सामना करे। केंद्र की ओर से पेश अधिवक्ता ने कहा कि मामला उच्चतम न्यायालय के सामने भी है जो शनिवार को अपना फैसला सार्वजनिक करेगी तो पीठ ने कहा, ‘‘क्या आप का कहना है कि दिल्ली में लोगों मर रहे हैं और हम अपनी आंखे बंद कर लें?’’ अदालत के केंद्र के उस अनुरोध को भी ठुकरा दिया जिसमें फैसला सोमवार या करीब आधे घंटे के लिए टालने का अनुरोध किया गया था। पीठ ने कहा कि केंद्र ने दिल्ली के लिए 490 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का आवंटन किया है और ‘‘आप इसे पूरा करें।’’ जब अदालत में मामले की सुनवाई चल रही थी उस समय बत्रा अस्पताल और अन्य स्थानों पर गंभीर रूप से भर्ती मरीजों के लिए ऑक्सीजन खत्म हो रहा था। बत्रा अस्पताल ने पहले आठ लोगों की मौत की जानकारी दी थी लेकिन शाम को मौतों की संख्या संशोधित कर 12 बताया। पहले डॉक्टर एस सी एल गुप्ता ने ‘‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि पांच अन्य गंभीर मरीजों को बचाने के प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिन मरीजों की मौत हुई है उनमें छह आईसीयू में भर्ती थे। डॉ.गुप्ता ने बताया कि ऑक्सीजन की कमी की वजह से मरने वालों में गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी (जठरांत्र विज्ञान) विभाग के प्रमुख डॉ.आरके हिमथानी भी शामिल हैं जो पिछले 15 से 20 दिनों से अस्पताल में भर्ती थे। उन्होंने बताया कि उन्होंने शनिवार को ही अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी की आपात सूचना सरकार को दे दी थी, रविवार सुबह भी अस्पताल ने अधिकारियों को इसकी सूचना दी जब यहां महज 2,500 लीटर ऑक्सीजन बचा था। उन्होंने बताया कि दोपहर करीब 12 बजकर 30 मिनट पर ऑक्सीजन खत्म हो गया जबकि टैंकर ऑक्सीजन लेकर एक बजकर 35 मिनट पर पहुंचा। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घटना पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट किया, ये खबर बहुत ही ज़्यादा पीड़ादायी है। इनकी जान बच सकती थी -समय पर ऑक्सीजन देकर। दिल्ली को उसके कोटे की ऑक्सीजन दी जाए। अपने लोगों की इस तरह होती मौतें अब और नहीं देखी जाती। 

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दिल्ली को 976 टन ऑक्सीजन चाहिए और कल केवल 312 टन ऑक्सीजन दी गयी। इतनी कम ऑक्सिजन में दिल्ली कैसे साँस ले? उल्लेखनीय है कि 23 अप्रैल को भी सर गंगा राम अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से 25 मरीजों की मौत हो गई थी। उसके अगले दिन जयपुर गोल्डन अस्पताल में भी 20 मरीजों की ऑक्सीजन की कमी से मौत हो गई थी। एक अन्य घटनाक्रम में वसंतकुंज के फोर्टिस अस्पताल ने ऑक्सीजन की कमी के चलते मरीजों को भर्ती करना बंद कर दिया है। अस्पताल के पास चार घंटे की ऑक्सीजन बची है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। दिल्ली कोरोना मोबाइल ऐप के अनुसार अस्पताल में कोविड-19 के 106 रोगी हैं। इस बीच, मीरा बाग स्थित सहगल नियो अस्पताल ने ट्विटर के जरिये, अस्पताल में खत्म होती ऑक्सीजन को लेकर आपात सूचना भेजी है। अस्पताल ने दोपहर करीब 12 बजकर 40 ट्वीट किया, हम ऑक्सीजन हासिल करने में आपात सहायता का अनुरोध करते हैं। हमारी पिछली आपूर्ति खत्म हो रही है और सुबह से नयी आपूर्ति की प्रतीक्षा कर रहे हैं। हमारे यहां ऑक्सीजन सपोर्ट पर 90और आईसीयू में 13 रोगी हैं। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को कहा था कि दिल्ली को 490 मीट्रिक टन ऑक्सीजन ऑवंटित करने के बाद एक दिन भी पूरी मात्रा नहीं मिली।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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