दिल्ली के दो अस्पतालों में ऑक्सीजन का संकट, कहा- हो सकती है बड़ी त्रासदी

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दिल्ली के कम से कम दो अस्पतालों ने अपने खत्म होते ऑक्सीजन भंडारों के बारे में रविवार को अधिकारियों को आपात संदेश भेजे। कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच छोटे अस्पताल इस जीवन रक्षक गैस की कमी का लगातार सामना कर रहे हैं।

नयी दिल्ली। दिल्ली के कम से कम दो अस्पतालों ने अपने खत्म होते ऑक्सीजन भंडारों के बारे में रविवार को अधिकारियों को आपात संदेश भेजे। कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच छोटे अस्पताल इस जीवन रक्षक गैस की कमी का लगातार सामना कर रहे हैं। मधुकर रेनबो चिल्ड्रन अस्पताल ने दोपहर में अपने यहां ऑक्सीजन का भंडार समाप्त होने का संदेश दिया और कहा कि चार नवजातों समेत 50 लोगों की जान ‘‘खतरे में है।” अस्पताल के एक अधिकारी ने कहा कि अस्पताल में करीब 80 मरीज हैं, जिनमें कोविड-19 के मरीज भी हैं। उन्होंने कहा कि इसमें 15 नवजात भी हैं। उन्होंने कहा, “वहां चार नवजातों समेत 50 लोग ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं।”

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अस्पताल में तरल ऑक्सीजन के भंडार के लिए टैंक नहीं है और उसकी निर्भरता निजी विक्रेता से ऑक्सीजन सिलेंडरों की आपूर्ति पर है। अधिकारी ने कहा, “निरंतर आपूर्ति के अभाव में यह रोजाना की लड़ाई बन गई है। हमें हर दिन करीब 125 ऑक्सीजन सिलेंडरों की जरूरत पड़ती है।’’ अस्पताल ने ट्विटर पर भी अधिकारियों से मदद की गुहार लगाई। आप विधायक राघव चड्ढा ने ट्वीट में जवाब दिया, “हमने राजघाट प्रतिक्रिया केंद्र से रेनबो चिल्ड्रन्स अस्पताल के लिए पांच डी टाइप ऑक्सीजन सिलेंडरों का इंतजाम किया है। दिल्ली को कम ऑक्सीजन आपूर्ति किए जाने की वजह से सरकार के ऑक्सीजन भंडार काफी सीमित हैं लेकिन हम किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं।’’ कालकाजी के ट्राइटन अस्पताल की डॉ दिपाली गुप्ता ने कहा कि वे उनके नवजात शिशुओं संबंधी गहन देखभाल कक्ष (एनआईसीयू) के लिए ऑक्सीजन का प्रबंधन करने में संघर्ष कर रहे हैं।

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उन्होंने कहा, “हम एक हफ्ते से ऑक्सीजन के संकट से जूझ रहे हैं। जल्द ही निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित नहीं की गई तो बड़ी त्रासदी हो सकती है।” आप नेता चड्ढा ने इस पर ट्वीट किया, “अस्पताल के अधिकारी ऑक्सीजन एकत्र करने जा रहे हैं। उम्मीद है कि अस्पतालों की ऑक्सीजन आपूर्ति श्रृंखला जल्द बहाल होगी।” शनिवार को, कोविड-19 के 12 मरीजों की दक्षिण दिल्ली के बत्रा अस्पताल में मौत हो गई थी, जब दोपहर में करीब 80 मिनट तक अस्पताल के पास चिकित्सीय ऑक्सीजन नहीं थी। मृतकों में एक वरिष्ठ चिकित्सक भी शामिल हैं। दो हफ्ते के भीतर राष्ट्रीय राजधानी में ऑक्सीजन संकट के कारण हुई यह तीसरी घटना है। इससे पहले जयपुर गोल्डन अस्पताल में 20 कोरोना मरीजों और सर गंगाराम अस्पताल में 25 मरीजों की मौत हो गई थी। कोरोना वायरस के मामले हर दिन बढ़ने से दिल्ली के कई अस्पताल ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे हैं। दिल्ली सरकार मौजूदा 490 मीट्रिक टन कोटे की बजाय केंद्र से 976 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की मांग कर रही है। एक अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार को शहर प्रशासन को महज 312 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिली।

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