पीएसी जवानों को वरिष्ठ अधिकारियों को सलाम ठोकने का आदेश

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इस संबंध में जारी पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। इसके बाद पीएसी के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस बात की जांच के आदेश दिए हैं कि यह आंतरिक आदेश सोशल मीडिया पर कैसे वायरल हुआ।

सीतापुर में प्रान्तीय सशस्त्र कांस्टेबुलरी (पीएसी) कर्मचारियों को प्रशासनिक भवनों और रिहायशी व गैर रिहायशी इलाकों में रुक कर वरिष्ठ अधिकारियों को सलामी देने की हिदायत दी गयी है। इस संबंध में जारी पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। इसके बाद पीएसी के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस बात की जांच के आदेश दिए हैं कि यह आंतरिक आदेश सोशल मीडिया पर कैसे वायरल हुआ।

सीतापुर स्थित 27वीं वाहिनी पीएसी के सहायक सेनानायक श्रीप्रकाश दुबे के हस्ताक्षर से जारी हुए इस पत्र में मातहत कर्मचारियों से कहा गया है, प्राय: देखने में आया है कि प्रशासनिक भवन एवं वाहिनी आवासीय/ गैर आवासीय परिसर में साइकिल तथा मोटरसाइकिल से आवागमन के दौरान उच्चाधिकारियों को रुक कर अभिवादन न करते हुए अपने गंतव्य को प्रस्थान कर जाते हैं, जो स्वेच्छाचारिता एवं अनुशासनहीनता का परिचायक है।

पत्र में आगे कहा गया है, अत: आप सभी को निर्देशित किया जाता है कि प्रशासनिक भवन एवं वाहिनी आवासीय/गैर आवासीय परिसर में साइकिल तथा मोटरसाइकिल से आवागमन के दौरान उच्चाधिकारियों को रुक कर अभिवादन न करने पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। तदनुसार तत्काल प्रभाव से आदेश का पालन करना/कराना सुनिश्चित करें। इस आदेश पर सोमवार 19 दिसंबर की तारीख लिखी गई है। इस बारे में पूछे जाने पर 27वीं वाहिनी पीएसी के सेनानायक मणिराम सिंह ने मंगलवार को कहा कि उन्हें इस पत्र में कुछ भी गलत नहीं नजर आता।

उन्होंने कहा कि यह आदेश अनुशासनहीनता को रोकने के लिए दिया गया है और आदेश देने वाले अधिकारी की इसमें कोई गलत मंशा नजर नहीं आती। उन्होंने कहा कि ऐसे आदेश समय-समय पर जारी किए जाते हैं ताकि अनुशासन बना रहे, लेकिन यह पत्र सोशल मीडिया पर कैसे वायरल हो गया, इसकी जांच कराई जाएगी। गौरतलब है कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 1940 में आंतरिक सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने के लिए यूपी मिलिट्री पुलिस की 13 कंपनियां बनाई गई थी। उसके बाद सितंबर 1947 में 86 और कंपनियां बनाई गई थीं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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