रस्सी जल गई पर ऐंठ न गई, पाक की हालत देख यही कहेंगे आप

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अंकित सिंह । Sep 23 2019 4:01PM

जितनी हैरान करने वाली यह खबर थी उससे भी ज्यादा हैरान करने वाली बात अब हम आपको बताते हैं। दरअसल इन 46 जहाजों में से 36 जहाज ऐसे भी थे जिनमें हज यात्रियों को जाना था।

जब देश में बदहाली का आलम हो, पेट्रोल से मंहगा दुध बिक रहा हो, अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए गधों को बेचना पड़ रहे हो और वहां के नेता दूसरे देश को परमाणु हमले की चुनौती दे तो बेहद हास्यास्पद लगता है। हम बात पाकिस्तान की कर रहे हैं। उसे यह बदहाली उसकी अपनी ही गलतियों की वजह से देखने को मिल रही है। यह बात तो ठीक ही है कि वह अपने नागरिकों से ज्यादा आतंक और हिंसा को बढ़ाने के लिए अपने पैसों का इस्तेमाल करता है। लेकिन इस हालात के लिए उसकी नीतिगत गलतियां और लापरवाही भी जिम्मेदार हैं। दरअसल पाकिस्तान से एक नया मामला सामने आया है जिसे सुनकर हर कोई हैरान तो हो ही रहा है साथ ही साथ यह इमरान के नया पाकिस्तान बनाने के दावे को जुमला भी साबित कर रहा है।   

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अब आपको पूरा मामला बताते हैं। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विमान को एयरस्पेस ना देने वाले पाकिस्तान को उसके अपने विमान में चढ़ने के लिए यात्री नहीं मिल पा रहे हैं। भले ही वह बात-बात पर भारत को कश्मीर मसले को लेकर युद्ध की गीदड़ भभकी दे रहा हो पर उसके नागरिकों की हालत इतनी खराब है कि वे अपनी यात्रा के लिए विमान खर्चा तक उठाने को तैयार नहीं हैं। ताजा मामला यह है कि नकदी संकट से गुजर रही पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (पीआईए) ने 2016-17 में 46 उड़ानों का परिचालन बिना किसी यात्री के किया। इस परिचालन से एयरलाइंस को 11 लाख अमेरिकी डॉलर से भी अधिक का नुकसान हुआ है। जियो टीवी की मानें तो इन आकड़ों का खुलासा एक ऑडिट रिपोर्ट से हुआ है। अगर हालात 2016-17 में ऐसे थे तो अब क्या होगा, इसका अंजादा लगा पाना मुश्किल नहीं है। पाकिस्तान में यह लापरवाही ऐसे समय में है जब उसे देश को चलाने के लिए सऊदी अरब, चीन और संयुक्त अरब अमीरात से मदद लेनी पड़ रही है। 

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जितनी हैरान करने वाली यह खबर थी उससे भी ज्यादा हैरान करने वाली बात अब हम आपको बताते हैं। दरअसल इन 46 जहाजों में से 36 जहाज ऐसे भी थे जिनमें हज यात्रियों को जाना था। पाक की हालत इतनी खराब है कि इस इस्लामी मुल्क को पवित्र मक्का-मदीना जाने के लिए भी हज यात्री ही नहीं मिल रहे हैं। एक ओर भारत में देखें तो हज यात्रियों की तादाद इतनी हो जाती है कि जहाज भी कम पड़ जाते हैं। इतने बड़े नुकसान के बाद भी पाकिस्तान ने अब तक इसकी कोई जांच शुरू नहीं की है। पाकिस्तान एयरलाइंस की हालत इतनी खराब है कि वहां के प्रधानमंत्री भी इसका बोझ वहन करने को तैयार नहीं हैं। वह हाल में ही अमेरिका दौरे पर जाने के लिए सउदी एयरलाइंस की मदद लेते हैं। इससे पहले वह वाणिज्यिक उड़ान से अमेरिका गए थे। फिलहाल पाकिस्तान पर एक कहावत चरितार्थ होती दिख रही है,'अपने घर का तो पता नहीं, दूसरे के घर को निहारने चले हैं।' 

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