करतारपुर पर पाक ने दिलाया भरोसा, भारत विरोधी किसी गतिविधि की नहीं दी जाएगी इजाजत
भारत ने डेरा बाबा नानक और इससे लगे भारत की ओर के इलाकों में पानी भरने की संभावना से जुड़ी अपनी चिंताओं से भी पाक को अवगत कराया क्योंकि पाकिस्तान की ओर प्रस्तावित मिट्टी भर कर तटबंध या नदीपथ (बनाए जाने) से इलाके में संभवत: यह खतरा पैदा होगा।
अटारी/वाघा। भारत ने पाकिस्तान द्वारा एक नदीपथ के निर्माण से करतारपुर साहिब गुरुद्वारा से लगे क्षेत्रों में पानी भरने की संभावना से जुड़ी अपनी चिंताओं से रविवार को उसे (पाक को) अवगत कराया। साथ ही, पड़ोसी देश से भारत की तरह ही एक पुल बनाने का अनुरोध किया। एक आधिकारिक बयान के मुताबिक यहां हुई एक द्विपक्षीय बैठक में भारत ने पाकिस्तान को करतारपुर साहिब गुरूद्वारा की तीर्थयात्रा करने के लिए पूरे साले सुगम और निर्बाध पहुंच से जुड़ी श्रद्धालुओं की भावनाओं पर विचार करने का भी अनुरोध किया। भारत की चिंताओं से जुड़ा एक दस्तावेज पाकिस्तान को सौंपा गया है, जिस पर पड़ोसी देश ने भारतीय प्रतिनिधिमंडल को भरोसा दिलाया कि भारत विरोधी किसी भी गतिविधि की इजाजत नहीं दी जाएगी। करतारपुर परियोजना पर दूसरे दौर की चर्चा के बाद जारी बयान के मुताबिक इस संदर्भ में पाकिस्तान स्थित वैसे लोगों या संगठनों से जुड़ी चिंताएं साझा की गई, जो तीर्थयात्रा में खलल डाल सकते हैं और इस अवसर का दुरूपयोग श्रद्धालुओं की भावनाओं से खिलवाड़ करने में कर सकते हैं।
SCL Das, Joint Secretary (Internal Security), MHA: on #KartarpurCorridor talks: We have sought confirmation that individuals like Gopal Singh Chawla (of Pakistan Sikh Gurudwara Prabandhak Committee) have been removed from the bodies where we have objection to. pic.twitter.com/xYN7ZtR1tN
— ANI (@ANI) July 14, 2019
भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने गुरुद्वारा में राजनयिक द्वारा श्रद्धालुओं को सहायता उपलब्ध कराने की व्यवस्था करने को भी कहा है। भारत ने डेरा बाबा नानक और इससे लगे भारत की ओर के इलाकों में पानी भरने की संभावना से जुड़ी अपनी चिंताओं से भी पाक को अवगत कराया क्योंकि पाकिस्तान की ओर प्रस्तावित मिट्टी भर कर तटबंध या नदीपथ (बनाए जाने) से इलाके में संभवत: यह खतरा पैदा होगा। भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने इन चिंताओं का उल्लेख करने के लिए पाकिस्तान के साथ बाढ़ का विस्तृत विश्लेषण साझा किया। बयान में कहा गया है कि इस बात से स्पष्ट रूप से अवगत कराया गया है कि मिट्टी भर कर बनाया गया तटबंध या नदीपथ भारत के लोगों के लिए समस्याएं पैदा करेगा और इसे अस्थायी तौर पर भी नहीं बनाया जाना चाहिए। भारत अपनी ओर जो पुल बना रहा है उसका ब्यौरा साझा किया गया है और पाकिस्तान से भी अपनी ओर ऐसा ही एक पुल बनाने का अनुरोध किया गया है। यह न सिर्फ इलाके में पानी भरने से जुड़ी चिंताओं को दूर करेगा, बल्कि गुरूद्वारा करतारपुर साहिब के लिए पूरे साल सुगम, निर्बाध और बारहमासी तीर्थयात्रा को सुनिश्चित करेगा।
करतारपुर साहिब के लिए चार-लेन का राजमार्ग सितंबर अंत तक होगा तैयार: सरकार
श्रद्धालुओं के पाकिस्तान में करतारपुर साहिब गुरुद्वारा तक जाने के लिए गुरदासपुर-अमृतसर रोड को अंतरराष्ट्रीय सीमा से जोड़ने वाला चार-लेन का राजमार्ग सितंबर के अंत तक बनकर तैयार हो जाएगा। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में रविवार को बताया गया कि अंतरराष्ट्रीय सीमा तक राजमार्ग के निर्माण का काम तेज गति से चल रहा है और पूरी परियोजना का आधा काम पहले ही पूरा हो चुका है। 4.19 किलोमीटर लंबा राजमार्ग 120 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है। भारत सरकार ने पिछले साल 22 नवंबर को करतारपुर साहिब गलियारा परियोजना को मंजूरी दी थी। बयान में कहा गया है कि उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने 26 नवंबर को परियोजना की आधारशिला रखी थी।
परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया इस साल 14 जनवरी को शुरू की गई और यह 21 मई को समाप्त हुई। बयान में बताया गया है कि भारतीय सीमा की ओर पुल के ढांचे का निर्माण पूरा कर लिया गया है। खंभे लगाने का काम चल रहा है। अभी तक इस परियोजना से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने के लिए पाकिस्तान की तकनीकी टीम के साथ तीन तकनीकी स्तर की वार्ता हो चुकी है। बयान में कहा गया है कि वार्ता के दौरान पाकिस्तानी अधिकारियों को यह भी बताया गया कि भारत अपनी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर रावी क्रीक (जल धारा) पर पुल बना रहा है और उसने पाकिस्तान से उनकी सीमा की ओर बूढ़ी रावी चैनल पर पुल बनाने का अनुरोध किया।
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