हिजाब मामले पर पाकिस्तान की साजिश का खुलासा, आईबी ने सभी राज्यों में जारी किया अलर्ट

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अंकित सिंह । Feb 12 2022 10:35AM

बताया जा रहा है कि वीडियो के जरिए प्रदर्शन को भड़काने की कोशिश की जा रही है। जानकारी के मुताबिक के आईएसआई खालिस्तानी संगठन के जरिए इस मामले को अंजाम दे रहा है।

कर्नाटक से शुरू हुए हिजाब मामले का विवाद अब देश के अन्य हिस्सों में भी पहुंच गया है। फिलहाल मामला कोर्ट में है। दूसरी ओर हिजाब मामले को लेकर पाकिस्तान की साजिश का खुलासा हुआ है। जानकारी के मुताबिक के हिजाब मामले में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई पूरी तरह से शामिल हो चुका है। वीडियो के जरिए आईएसआई ने प्रदर्शन का समर्थन किया है। जिसके बाद आईबी ने सभी राज्यों को अलर्ट कर दिया है। बताया जा रहा है कि वीडियो के जरिए प्रदर्शन को भड़काने की कोशिश की जा रही है। जानकारी के मुताबिक के आईएसआई खालिस्तानी संगठन के जरिए इस मामले को अंजाम दे रहा है। भारत में हिजाब रेफरेंडम के लिए वेबसाइट भी बना दी गई है। फिलहाल अब अलर्ट जारी कर दिया गया है। 

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 इसके अलावा आईएसआई ने सिख फॉर जस्टिस के चीफ गुरूपंतवंत सिंह पन्नू से भी वीडियो जारी करवाया है। पन्नू ने भारतीय मुसलमानों से अपील करते हुए कहा कि वे हिजाब रेफरेंडम शुरू करें और भारत को उर्दुस्थान बनाने की तरफ आगे बढ़े। आईबी की ओर से दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल के मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में अलर्ट जारी किया गया है। वहीं कर्नाटक में हिजाब विवाद के मद्देनजर पुलिस ने दक्षिण कन्नड़ और उडुपी जिलों में एहतियात के तौर पर फ्लैग मार्च किया। हिजाब विवाद के केंद्र उडुपी के कौप, कुंडापुर, करकला, पदुबिदरी, ब्रह्मवर, बैन्दूर और शिरवा में पुलिस ने फ्लैग मार्च किया। दूसरी ओर कर्नाटक उच्च न्यायालय ने हिजाब विवाद से जुड़ी लंबित याचिकाओं पर अंतरिम आदेश जारी करते हुए राज्य सरकार से शिक्षण संस्थानों को पुन: खोलने का अनुरोध किया है, साथ ही विद्यार्थियों को भी कक्षा के भीतर भगवा शॉल, गमछा, हिजाब या किसी तरह का धार्मिक झंडा आदि ले जाने से रोक दिया है। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह आदेश केवल ऐसे संस्थानों पर लागू होगा जहां की महाविद्यालय विकास समिति ने विद्यार्थियों के लिए ड्रेस कोड या यूनीफार्म लागू की है। 

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मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि हम राज्य सरकार और सभी हितधारकों से अनुरोध करते हैं कि वे शिक्षण संस्थानों को खोलें और विद्यार्थियों को कक्षाओं में यथाशीघ्र लौटने की अनुमति दें। संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई लंबित रहने के मद्देनजर अगले आदेश तक हम सभी विद्यार्थियों को भले वे किसी धर्म और आस्था के हों, कक्षा में भगवा शॉल, गमछ़ा, हिजाब, धार्मिक झंडा या इस तरह का सामान लेकर आने पर रोक लगाते हैं। इस पीठ में मुख्य न्यायाधीश अवस्थी के अलावा न्यायमूर्ति कृष्ण एस दीक्षित और न्यायमूर्ति जेएम काजी भी शामिल है। 

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