पलानीस्वामी अन्नाद्रमुक विधायक दल के नेता चुने गए, नेता प्रतिपक्ष बनना तय

Palaniswami

पार्टी में मुख्यालय में आज जब बैठक जारी थी, तब सोशल मीडिया पर कुछ खबरों में यह भी दावा किया गया कि मतभेदों को दूर करने के लिए विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष पी. धनपाल के नाम पर भी विचार किया जा रहा है। विधायकों की बैठक के मद्देनजर अन्नाद्रमुक मुख्यालय और परिसर में कुछ कार्यकर्ता एकत्रित हो गए।

चेन्नई।  पूर्व मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी को सोमवार को यहां करीब तीन घंटे तक चली अन्नाद्रमुक विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से नेता चुना गया, जिसके बाद उनका तमिलनाडु विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनना तय हो गया है। विधायक दल का नेता चुनने के लिए पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों की तीन दिन में यह दूसरी बैठक थी। खबर है कि नव-निर्वाचित विधायकों की बैठक में पार्टी का एक धड़ा पलानीस्वामी और दूसरा धड़ा पार्टी के समन्वयक ओ. पनीरसेल्वम को पार्टी का नेतृत्व सौंपने की वकालत कर रहा था। अंतत: पार्टी ने बैठक के बाद एक बयान में पलानीस्वामी को विधायक दल का नेता चुने जाने की घोषणा की। पलानीस्वामी और पनीरसेल्वम दोनों ने एक संयुक्त बयान में कहा कि यह फैसला सर्वसम्मति से लिया गया है। इसके बाद, पार्टी के नेता तमिलनाडु विधानसभा के सचिव के. श्रीनिवासन से मिले और उन्हें पलानीस्वामी के चयन के संदर्भ में एक पत्र सौंपा। विधायकों ने सात मई को भी बैठक की थी, लेकिन उस बैठक में विधायक दल का नेता चुने जाने पर आम सहमति नहीं बन पाई थी। पार्टी में मुख्यालय में आज जब बैठक जारी थी, तब सोशल मीडिया पर कुछ खबरों में यह भी दावा किया गया कि मतभेदों को दूर करने के लिए विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष पी. धनपाल के नाम पर भी विचार किया जा रहा है। विधायकों की बैठक के मद्देनजर अन्नाद्रमुक मुख्यालय और परिसर में कुछ कार्यकर्ता एकत्रित हो गए। दीवारों पर कुछ पोस्टर लगे दिखे, जिसमें पनीरसेल्वम से विपक्ष का नेता ‘‘बनने’’ की मांग की गई थी। वहीं, पलानीस्वामी के समर्थक उनके चयन को लेकर आश्वस्त दिखे। इसी तरह से पार्टी कार्यालय के पास कुछ पोस्टर वीके शशिकला को ‘‘स्थायी महासचिव’’ बनाए जाने के पक्ष में भी नजर आए और कई में उन्हें पार्टी का नेतृत्व सौंपने की मांग भी की गई। बता दें कि शशिकला और उनके भतीजे टीटीवी दिनाकरन को वर्ष 2017 में पार्टी से निकाल दिया गया था। 

इसे भी पढ़ें: PM मोदी ने कोरोना की स्थिति पर महाराष्ट्र, MP, तमिलनाडु, हिमाचल के CMs से की बात

राज्य में हाल ही में 234 सदस्यीय विधानसभा चुनाव में अन्नाद्रमुक 66 सीटों पर विजयी रही है। राज्य के पश्चिमी इलाके के नतीजों से साफ हो गया कि पलानीस्वामी के गृह इलाके में अन्नाद्रमुक अब भी मजबूत है। वहीं, तमिलनाडु के दक्षिणी क्षेत्र स्थित थेनी जिले से पनीरसेल्वम आते हैं और यहां पर प्रतिद्वंद्वी द्रमुक से पार्टी को हार मिली है। खबर है कि इन तथ्यों से पलानीस्वामी की दावेदारी मजबूत हुई। अन्नाद्रमुक की सहयोगी पीएमके और भाजपा ने क्रमश: पांच और चार सीटें जीती हैं जिससे गठबंधन के सदन में कुल सदस्यों की संख्या 75 है। द्रमुक ने कुल 133 सीटें जीती हैं जिनमें सहयोगी एमडीएमके जैसे सदस्यों की सीटें भी शामिल है और साझेदार कांग्रेस के साथ सत्ता पक्ष के समर्थन में 159 विधायक हैं। पलानीस्वामी 2017 से 2021 के बीच चार साल के लिए राज्य के मुख्यमंत्री रहे। इस दौरान पनीरसेल्वम राज्य के उप मुख्यमंत्री पद पर काबिज रहे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़