पलानीस्वामी का 1.10 करोड़ रुपये मुआवजे का दावा काल्पनिक: एनजीओ

Palaniswami
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एक गैर-सरकारी संगठन ने मद्रास उच्च न्यायालय में कहा है कि भ्रष्टाचार के आरोपों के सिलसिले में तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री ई. के. पलानीस्वामी (ईपीएस) द्वारा क्षतिपूर्ति मुआवजे के तौर पर 1.10 करोड़ रुपये का दावा काल्पनिक है।

चेन्नई, 20 अगस्त। एक गैर-सरकारी संगठन ने मद्रास उच्च न्यायालय में कहा है कि भ्रष्टाचार के आरोपों के सिलसिले में तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री ई. के. पलानीस्वामी (ईपीएस) द्वारा क्षतिपूर्ति मुआवजे के तौर पर 1.10 करोड़ रुपये का दावा काल्पनिक है। पिछले हफ्ते ईपीएस द्वारा दायर दीवानी मुकदमे के जवाब में दाखिल अपने हलफनामे में, अरप्पोर इयक्कम नामक संगठन के संयोजक जयराम वेंकटेशन और संयुक्त संयोजक जहीर हुसैन ने कहा कि मुआवजे का दावा काल्पनिक और निराधार है और इसे अप्रमाणित बताकर खारिज कर दिया जाना चाहिए।

यह मुकदमा अरप्पोर इयक्कम जैसे संगठनों को चुप कराने के इरादे से दायर किया गया है, जिसने स्वतंत्र रूप से सार्वजनिक मुद्दों को उठाया है और इस तरह के खुलासे से इसने कोई फायदा नहीं उठाया है। जवाबी हलफनामे में कहा गया है, ‘‘हम अपनी शिकायत पर कायम हैं। इसमें दिए गए सभी बयान मजबूत दस्तावेजी सबूतों से समर्थित हैं।’’ ईपीएस के अनुसार, एक निजी टीवी समाचार चैनल ने इस साल 28 जुलाई को एक खबर प्रसारित की थी, जिसमें कहा गया था कि एनजीओ ने विजिलेंस को एक पत्र लिखा था, और उसमें राज्य के राजमार्गों के लिए निविदाओं के मामले में उनके खिलाफ झूठे और अपुष्ट आरोप लगाए गए थे।

इयक्कम ने इसे अपनी सोशल मीडिया वेबसाइट पर भी अपलोड किया था और इस खबर को व्यापक रूप से प्रसारित किया था। एनजीओ ने उस वक्त निविदा जारी करने में भ्रष्टाचार किये जाने के आरोप लगाये थे जब ईपीएस मुख्यमंत्री थी और उनके पास राजमार्ग मंत्रालय का प्रभार भी था। इससे सरकारी खजाने को 692 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ था।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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