संसदीय समिति ने असम और अरुणाचल में बढ़ते उग्रवाद पर चिंता जताई
असम में अपहरण की बढ़ती घटनाओं , ज्यादातर महिलाओं के अपहरण तथा अरुणाचल प्रदेश में उग्रवाद में बढ़ोतरी को लेकर एक संसदीय समिति ने चिंता व्यक्त की है और इसे ‘‘ खतरनाक ’’ करार दिया है।
नयी दिल्ली। असम में अपहरण की बढ़ती घटनाओं , ज्यादातर महिलाओं के अपहरण तथा अरुणाचल प्रदेश में उग्रवाद में बढ़ोतरी को लेकर एक संसदीय समिति ने चिंता व्यक्त की है और इसे ‘‘ खतरनाक ’’ करार दिया है। पी चिदंबरम के नेतृत्व वाली गृह मामलों की संसदीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि वह इस बात को लेकर चिंतित है कि असम में 2016 से पहले और 2016 के दौरान अपहृत लोगों में से बड़ी संख्या में पीड़ित अब तक बरामद नहीं हो पाए हैं। समिति ने राज्यसभा में पेश अपनी रिपोर्ट में कहा, और भी चिंताजनक यह है कि अपहरण का शिकार होने वालों में 81 प्रतिशत से अधिक महिलाएं हैं।
इसने कहा कि यह अपहरण और मानव तस्करी के बीच संबंध का संकेत हो सकता है। समिति ने इसलिए सिफारिश की कि महिलाओं के अपहरण की इस अत्यंत ऊंची दर के कारणों का पता लगाने के लिए एक अंतरराज्यीय जांच होनी चाहिए। इसने कहा , ‘‘ समिति यह सिफारिश भी करती है कि अपहरण के शिकार लोगों का पता लगाने के लिए सतत अभियान शुरू किए जाने चाहिए। समिति चाहती है कि मंत्रालय इस तरह के पीड़ितों को बरामद करने के लिए की गई कार्रवाई के संबंध में एक विस्तृत स्थिति नोट पेश करे।
अरुणाचल प्रदेश के संबंध में समिति ने कहा कि समूचे पूर्वोत्तर क्षेत्र में जहां उग्रवाद संबंधी और आम लोगों के हताहत होने की घटनाओं में कमी आ रही है , वहीं अरुणाचल में इस तरह की घटनाओं में वृद्धि हो रही है।
समिति ने कहा कि 2012 में समूचे क्षेत्र में हुई घटनाओं में से अरुणाचल प्रदेश में केवल पांच प्रतिशत घटनाएं हुईं , वहीं 2017 में समूचे क्षेत्र में हुईं घटनाओं में से अरुणाचल प्रदेश में आंकड़ा लगभग 20 प्रतिशत तक पहुंच गया। इसने कहा कि यह इस तथ्य का संकेत है कि समूचे पूर्वोत्तर क्षेत्र के मुकाबले अरुणाचल प्रदेश में सुरक्षा स्थिति खराब हुई है।
अन्य न्यूज़