कांग्रेस, शिवसेना और TDP के हंगामे के बाद लोकसभा की बैठक स्थगित
शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन की कार्यवाही शिमोगा से नवनिर्वाचित बी वाई राघवेंद्र को शपथ दिलाने के साथ शुरू हुई। सदन ने 13 दिसंबर, 2001 के संसद हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
नयी दिल्ली। राम मंदिर, राफेल विमान सौदे, आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम को लागू करने की मांग और तमिलनाडु में कावेरी डेल्टा के किसानों के मुद्दों को लेकर शिवसेना, कांग्रेस, तेलुगू देसम पार्टी (तेदेपा) और अन्नाद्रमुक के सदस्यों के हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। सदस्यों के शोर शराबे और नारेबाजी के कारण लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कार्यवाही पहले 11.20 बजे और फिर 12 बजे तक के लिए स्थगित की । 12 बजे कार्यवाही शुरू होने पर स्थिति ज्यों की त्यो बनी रही और उन्होंने कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी।
Delhi: Vice-President Venkaiah Naidu, Prime Minister Narendra Modi, Former PM Manmohan Singh, BJP Chief Amit Shah pay tribute to people who lost their lives in the terrorist attack on Parliament on December 13, 2001 pic.twitter.com/99pMwV7qr9
— ANI (@ANI) December 13, 2018
शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन की कार्यवाही शिमोगा से नवनिर्वाचित बी वाई राघवेंद्र को शपथ दिलाने के साथ शुरू हुई। सदन ने 13 दिसंबर, 2001 के संसद हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि दी। दिवंगत पूर्व सदस्य एम एच अम्बरीश को भी श्रद्धांजलि दी गई। सुमित्रा महाजन ने जैसे ही प्रश्नकाल शुरू किया तभी कांग्रेस, शिवसेना, तेदेपा और अन्नाद्रमुक के सदस्य नारेबाजी करते हुए अध्यक्ष के आसन के निकट पहुंच गए। कांग्रेस सदस्य हाथों में तख्तियां लिए हुए राफेल मामले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के गठन की मांग कर रहे थे और ‘वी डिमांड जेपीसी’ के नारे लगा रहे थे। दूसरी तरफ, शिवसेना के सदस्यों ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की मांग करते हुए नारेबाजी की। पार्टी सदस्यों ने हाथों में तख्तियां ले रखी थीं जिन पर ‘हर हिंदू की यही पुकार, पहले मंदिर फिर सरकार’ नारा लिखा हुआ था।
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अन्नाद्रमुक के सदस्यों ने कावेरी डेल्टा के किसानों के लिए न्याय की मांग करते हुए नारेबाजी की। अन्नाद्रमुक सदस्यों के हाथों में तख्तियां थी जिस पर लिखा था, ‘‘किसानों के अधिकारों की रक्षा हो’’ तेदेपा के सदस्यों ने आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम को पूरी तरह लागू करने और प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग करते हुए सदन में नारेबाजी की। लोकसभा अध्यक्ष ने शोर शराबा कर रहे सदस्यों से अपने स्थान पर लौटने को कहा, लेकिन सदस्यों का शोर शराबा जारी रहा । उन्होंने तेदेपा सदस्यों से कहा कि वह चेतावनी देती हैं क्योंकि उनके विषय पर पहले सदन में विस्तृत चर्चा हो चुकी है। हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने सदन की कार्यवाही 11.20 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। कार्यवाही फिर से आरंभ होने पर भी स्थिति ज्यों की त्यों बनी रही।
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लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि सभी पार्टियों की अपनी समस्याएं हैं और यह संसद सभी के लिए है। सदन में चर्चा होगी। नियम 193 के तहत प्राकृतिक आपदा पर आज चर्चा होनी है। बाद में दूसरे विषयों पर भी चर्चा होनी है। उन्होंने सदस्यों से अपने स्थान पर लौटने और कामकाज चलने देने का आग्रह किया। शोर शराबे के दौरान तेदेपा के एक सांसद वेंकटेश्वर राव ने सदस्यों को शपथ दिलाने में उपयोग किये जाने वाली माइक में पोस्टर लगाकर उसे हाथों से उठा लिया। इस पर संसदीय कार्य मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर को उन्हें समझाते देखा गया। अध्यक्ष के आग्रह के बाद भी सदन में हंगामा जारी रहा जिसके बाद उन्होंने करीब सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। 12 बजे कार्यवाही फिर से आरंभ होने पर सदन में सदस्यों की नारेबाजी जारी रही। हंगामे के बीच ही अध्यक्ष ने सभापटल पर आवश्यक कागजात रखवाये और शून्यकाल चलाने का प्रयास किया । इस दौरान शिवसेना आनंद राव अडसूल और भाजपा मीनाक्षी लेखी ने अपने विषय को उठाया। शोर शराबा थरमता नहीं देख लोकसभा अध्यक्ष ने सदन की बैठक दिन भर के लिए स्थगित कर दी।
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