‘अटल इनोवेशन मिशन’ से ठोस परिणाम नहीं मिलने पर संसदीय समिति चिंतित

Parliamentary committee worried over not getting concrete results from ''Atal Innovation Mission''
[email protected] । Mar 11 2018 2:33PM

संसद की एक समिति ने सरकार की नवप्रवर्तन और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने वाली प्रमुख योजना अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम) से कोई ठोस परिणाम अब तक नहीं निकलने को लेकर चिंता जतायी है।

नयी दिल्ली। संसद की एक समिति ने सरकार की नवप्रवर्तन और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने वाली प्रमुख योजना "अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम)" से कोई ठोस परिणाम अब तक नहीं निकलने को लेकर चिंता जतायी है। उसका कहना है कि नीति आयोग की इस प्रमुख योजना पर अपेक्षाकृत अधिक राशि खर्च करने के बावजूद कोई ठोस नतीजा नहीं दिखा है। समिति का कहना है कि यह नीति आयोग की प्रमुख योजना है और वित्त वर्ष 2018-19 में इसके लिये अपेक्षाकृत 200 करोड़ रुपये की बड़ी राशि का निर्धारण किया गया। वरिष्ठ कांग्रेस नेता वीरप्पा मोइली की अध्यक्षता वाली संसद की वित्त पर स्थायी समिति का मानना है कि हालांकि, योजना पर करदाताओं की अच्छी-खासी राशि खर्च की गयी है, पर चुनौती अब भी बनी हुई है। विश्वसनीय स्टार्टअप के रूप में अधिकतर इनक्यूबेटर्स कोई ठोस मात्रात्मक परिणाम देने में विफल रहे हैं।

समिति ने योजना मंत्रालय की 2018- 19 की अनुदान मांगों पर अपनी रिपोर्ट में कहा है, ‘‘समिति, हालांकि, स्कूलों और कालेजों में स्टार्ट-अप संस्कृति को बढ़ावा देने से संबंधित सरकार के इरादे की सराहना करती है लेकिन हमारा मानना है कि इस पहल का प्रेरणादायी लाभ उठाने के लिये जमीनी स्तर पर काफी कुछ किये जाने की जरूरत है।’’ इसमें कहा गया है, ‘‘इसीलिए समिति यह सिफारिश करती है कि सरकार को कोष उपलब्ध कराते समय पूरी जांच-परख करनी चाहिए और उसे व्यवस्थित तरीके से बांटा जाना चाहिए ताकि शैक्षणिक रूप से पिछड़े क्षेत्र को शीर्ष प्राथमिकता मिले और उन्हें अपेक्षाकृत बेहतर क्षेत्रों के साथ-साथ नवप्रवर्तन तथा प्रगति का मौका मिल सके।’’ रिपोर्ट में समिति ने इच्छा जतायी है कि सरकार स्थानीय स्तर पर नवप्रवर्तन के क्षेत्र में निरंतर प्रगति का आकलन करे।

वित्त मंत्री ने 2015-16 के बजट भाषण में अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम) तथा स्व-रोजगार और प्रतिभाग उपयोग (सेतु) नाम से दो योजनाओं की घोषणा की थी। बाद में व्यय वित्त समिति तथा उसके बाद मंत्रिमंडल की सिफारिशों के आधार पर दोनों योजनाओं को मिलाकर ‘एआईएम’ कर दिया गया। योजना का मकसद 600 नये अटल टिंकरिंग लैब तथा स्थापित 21 इनक्यूबेशन सेंटर को समर्थन देकर देश में नवप्रवर्तन और उद्यमशीलता के माहौल में बदलाव लाना है।

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