वंदे मातरम या जय हिन्द करना ही देशभक्ति नहीं: नायडू

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नायडू ने कहा, ‘‘अगर कुछ गलत है तो आंतरिक तंत्र होना चाहिए और इस पर बाहर से कमजोर करने का प्रयास करने के बजाय इन पर उचित मंचों पर चर्चा होनी चाहिए।’’

चेन्नई। उप-राष्ट्रपति वेकैंया नायडू ने मंगलवार को संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने के प्रयास के खिलाफ चेताया और कहा कि मुद्दों को आंतरिक तंत्र के जरिये सुलझाया जाना चाहिए। एक दीक्षांत समारोह में यहां प्रबंधन विषय में स्नातक की पढाई पूरी करने वाले छात्रों को संबोधित करते हुए उप-राष्ट्रपति ने जोर दिया कि केवल ‘वंदे मातरम’ या ‘जय हिन्द’ करना देशभक्ति नहीं है। उन्होंने कहा कि इसका मतलब यह भी है कि आप एक दूसरे का सहयोग करें।

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उन्होंने कहा, ‘‘’संस्था कोई भी हो सकती है- विश्वविद्यालय, न्यायपालिका, सीवीसी, कैग, चुनाव आयोग, संसद और राज्य विधायिकाएं। हमें अपनी संस्थाओं को कमजोर करने का प्रयास नहीं करना चाहिए।’’ नायडू ने कहा, ‘‘अगर कुछ गलत है तो आंतरिक तंत्र होना चाहिए और इस पर बाहर से कमजोर करने का प्रयास करने के बजाय इन पर उचित मंचों पर चर्चा होनी चाहिए।’’

 

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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